प्रवेश परीक्षा 11 जून को,मंडल के सभी जिलों से आए 800 आवेदन
अटल आवासीय विद्यालय के पहले सत्र में पढ़ेंगे 80 छात्र -छात्राएं
लखनऊ। संवाददाता:निर्माण श्रमिकों और कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों के लिए मोहनलालगंज के सिठौलीकलां में बनकर तैयार अटल आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए 800 आवेदन पात्र पाए गए हैं। विद्यालय में प्रवेश की परीक्षा 11 जून को होगी। इस वर्ष कक्षा छह में प्रवेश के लिए कुल 80 छात्रों (40 छात्र व 40 छात्राओं) का चयन मंडल के सभी छह जिलों से किया जाएगा। परीक्षार्थी सहायक श्रमायुक्त कार्यालय से प्रवेश पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
कोरोना में अनाथ हुए 44 छात्रों ने भी किया आवेदन
कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए 44 छात्र-छात्राओं ने भी अटल आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन किया है। इसमें सबसे अधिक 26 बच्चे सीतापुर जिले के हैं। वहीं लखनऊ के नौ बच्चे भी शामिल हैं। इसके अलावा सभी छह जिलों से 756 पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों का आवेदन प्राप्त हुआ है। उपश्रमायुक्त ने बताया कि 1019 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 800 आवेदन पात्र पाए गए हैं।
जुबली इंटर कॉलेज में होगी परीक्षा
लखनऊ से आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं की परीक्षा 11 जून को सिटी स्टेशन स्थित राजकीय जुबली इंटर कॉलेज में होगी। जहां 122 बच्चे परीक्षा देंगे। वहीं हरदोई में जीआईसी बड़ा डाकघर सिविल लाइन, उन्नाव में डॉ दिलीप सिंह भदौरिया, राजकीय इंटर कॉलेज, सीतापुर में जीआईसी चौराहा स्थित राजकीय इंटर कॉलेज, रायबरेली में बस स्टेशन के पास स्थित जीआईसी, लखीमपुर खीरी में कामनाथ अस्पताल के सामने स्थित जीआईसी में परीक्षा केन्द्र बनाया गया है।
परीक्षा में आएंगे 80 प्रश्न
उपश्रमायुक्त राकेश द्विवेदी ने बताया कि प्रवेश परीक्षा में कुल 80 वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न आएंगे। जिसमें 40 प्रश्न मानसिक क्षमता परीक्षण, 20 प्रश्न गणित व 20 प्रश्न भाषा परीक्षण के होंगे। परीक्षा 11 बजे से दोपहर एक बजे तक होगी। दिव्यांग छात्रों को लिए 40 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
नवोदय की तरह है अटल आवासीय विद्यालय
अटल आवासीय विद्यालय , नवोदय विद्यालय की तर्ज पर सारी सुविधाओं से युक्त है। उपश्रमायुक्त ने बताया कि इसके लिए नवोदय विद्यालय से सेवानिवृत्त प्रधानचार्य व अन्य शिक्षकों का चयन कार्य भी पूरा हो गया है। विद्यालय में कक्षा छह से 12 तक के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क आवासीय शिक्षा के साथ उनके रहने, खाने के लिए अलग अलग व्यवस्था की गई है।