प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए काफी समय तक भटकना पड़ता है। 72 हजार शिक्षक भर्ती में नियुक्त हुए शिक्षकों का कहना है कि उनकी ट्रेनिंग छह माह से बढ़ाकर दस माह कर दी गई थी। शासन ने छह माह का मानदेय तो दे दिया लेकिन चार महीने के मानदेय के लिए उन्हें सालों से भटकना पड़ रहा है।
72 हजार शिक्षक भर्ती में परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों ने बताया कि उनकी नियुक्ति जनवरी 2015 में हुई। इसके बाद छह महीने की जगह नौ माह 16 दिन की ट्रेनिंग कर दी गई। छह महीने का मानदेय दे दिया गया, लेकिन तीन माह 16 दिन का मानदेय अभी तक नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि जनसुनवाई पोर्टल पर कई बार समस्या लिखी लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई
बीएसए की ओर से भी इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव व बेसिक शिक्षा के निदेशक को पत्र भेजा गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इतना ही नहीं अप्रैल में दोबारा पोर्टल पर शिकायत करने पर पहले यह मामला निदेशक बेसिक शिक्षा को भेजा गया। उन्होंने इसे सचिव के पास भेज दिया। सचिव ने इसके निदेशक एससीईआरटी को भेज दिया है। इस मामले को निस्तारण करने की जगह विभागीय अधिकारी एक-दूसरे पर इसे डाल रहे हैं।