आयकर नोटिस*
➡️ इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) हर उस व्यक्ति की खबर रखता है जो कोई भी इनकम टैक्स भरता है
➡️ टैक्स भरने वाले (Income Tax Payer) हर एक व्यक्ति को आईटीआर (ITR-Income Tax Return) भरना अनिवार्य होता हैं
ऐसे में आईटीआर भरने को लेकर विभाग की तरफ से कई नियम बनाए गए हैं. अगर आप इन नियमों का उल्लंघन करते है या फिर ITR भरने में कुछ गलतियां कर देते हैं तो आयकर विभाग की ओर से नोटिस जारी किया जाता है..
➡️ ऐसा ही एक नोटिस होता है Letter of Intimation, जो कि इनकम टैक्स (Income tax notice) के सेक्शन 143(1) के तहत भेजा जाता है..
➡️ लेटेर ऑफ इंटीमेशन (Letter of Intimation) एक तरह का नोटिस होता है जो ये बताता है कि आपने जो टैक्स का भुगतान किया है वो सही किया है या नहीं. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान अगर आपसे इंटरेस्ट की जानकारी भरने में कोई गलती हुई है, या फिर और कोई भी छोटी-मोटी गलती हुई हो, तो आपको ऐसा नोटिस आ सकता है.
➡️ आयकर विभाग अपने द्वारा जमा किए गए कागजात की जांच से जब संतुष्ट नहीं होता है तो वह प्रमुख 6 धाराओं में नोटिस भेजता है।
आयकर रिटर्न तय समय सीमा के अंदर या निर्धारण वर्ष समाप्त होने तक नहीं भरने पर धारा 142(1) के तहत नोटिस भेजता है।
➡️ कर की गलत गणना प्रस्तुत करने या गलत दावा पेश करने पर आयकर विभाग धारा 143(1) के तहत नोटिस भेजता है।
➡️ रिटर्न में अधिक कर छूट की मांग पर संदेह होने पर विभाग धारा 143(2) के तहत नोटिस भेजता है। कर अधिकारी आयकर रिटर्न का विस्तृत मूल्यांकन धारा 143(3) के तहत करता है मूल्यांकन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि करदाता ने आयकर कम कर तो नहीं दिखाया या कम कर का भुगतान तो नहीं किया।
➡️ अगर कर अधिकारी को लगता है कि करदाता के कुछ आय का आकलन नहीं हुआ है तो वह धारा 147 के तहत नोटिस भेजता है। इसके बाद आय का जांच होता है।
➡️ आयकर रिटर्न की दोषपूर्ण फाइलिंग के मामले में करदाताओं को धारा 139(9) के तहत नोटिस भेजा जाता है।
➡️ अगर आपने ई फाइलिंग पोर्टल से रिटर्न भरा है तो आपके रजिस्टर ईमेल पर नोटिस आएगा।
➡️ आप नोटिस पढ़ को कर उसका सही जवाब ऑनलाइन दे सकते हैं।
3 लाख 4 हजार लोगों को नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने नोटिस भेजा था जिसमें से 209000 लोगों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया
➡️ 143(1) के तहत आने वाले टैक्स नोटिस को नोटिस ऑफ डिमांड (Notice of Demand) कहा जाता है. यानी अगर आपकी कोई टैक्स देनदारी बाकि है तो आप इस मैसेज के मिलने से 20 दिनों के भीतर उसका भुगतान कर दें।
➡️ अगर आप इसमें देरी करते हैं तो 30 दिन बीत जाने के बाद आपको एक फीसदी की दर से मासिक ब्याज भरना होगा।
✍️निर्भय सिंह