हिन्दुस्तान,पटना:नई शिक्षक भर्ती नियमावली में नियोजित शिक्षकों को तो राज्यकर्मी बनने का अवसर मिल जाएगा, लेकिन नियोजित शारीरिक शिक्षा शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों को अभी प्रतीक्षा ही करनी होगी। फिलहाल वे राज्यकर्मी नहीं बन पाएंगे। ऐसे में लगभग 30 हजार शारीरिक शिक्षक और 3 हजार पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए अभी इंतजार ही विकल्प है। दरअसल, बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 के आधार पर शुरू की गयी नियुक्ति प्रक्रिया में शारीरिक शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं है। इनके लिए कोई पद ही नहीं है।राज्य सरकार ने पिछले दिनों 1.78 लाख विद्यालय अध्यापकों के पद पर नियुक्ति की पहल शुरू की है। इसके लिए नयी नियमावली भी बनायी गयी है और नियुक्ति का जिम्मा बिहार लोक सेवा आयोग को सौंपी गयी है। उसने नियुक्ति की पूरी तैयारी भी कर ली है। इसके तहत नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी का दर्जा लेने के लिए आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करके विद्यालय अध्यापक बनना होगा। बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षक इसके लिए तैयारी भी कर रहे हैं।लेकिन, नियमावली में शारीरिक शिक्षा शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्षों को राज्यकर्मी के रूप में नियुक्ति करने की कोई कार्रवाई इस समय नहीं चल रही है। ऐसे में जो शारीरिक शिक्षा शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष परीक्षा देकर राज्यकर्मी बनना चाहते हैं, उनके लिए फिलहाल कोई अवसर नहीं है। उन्हें अभी इसके लिए प्रतीक्षा करनी होगी। इस समय माध्यमिक विद्यालयों में 25 हजार जबकि उच्च विद्यालयों में 5 हजार शारीरिक शिक्षा शिक्षक हैं। जबकि, उच्च विद्यालयों में 3 हजार पुस्तकालयाध्यक्ष कार्यरत हैं। इनकी सेवा शर्ते और वेतनमान नियोजित शिक्षकों के ही समान है और उन्ही के समान वे विद्यालयों में अपनी सेवा भी दे रहे हैं।इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह का कहना है कि सरकार शारीरिक शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्षों की समस्या पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस संबंध में सरकार बेहद सकारात्मक है। उन्हें भी समान अवसर मिलेगा। यही नहीं जो-जो इससे प्रभावित होंगे, सबके लिए समान अवसर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार अवश्य प्रभावी कदम उठाएगी। कोई इससे वंचित नहीं होगा।
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