सेवा प्रदाता (सर्विस प्रोवाइडर ) के माध्यम से विभिन्न विभागों में कार्यरत लाखों संविदाकर्मियों को जल्द बड़ी राहत मिल सकती है। संविदाकर्मियों के हितों को साधते हुए सरकार उन्हें सेवा प्रदाता के शोषण से मुक्ति दिलाएगी। संविदाकर्मियों के वेतन में सुधार करने के साथ ही सरकार उन्हें नियमित नौकरी में वेटेज देने की व्यवस्था करने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है।
सरकार सुनिश्चित करेगी कि किसी भी संविदाकर्मी की सेवाएं संबंधित विभागीय अफसर की सहमति के बिना समाप्त न हो। किसी भी विभाग को आवश्यकतानुसार संविदाकर्मी उपलब्ध कराए जाने के लिए राज्य स्तरीय एक संस्था भी बनाई जाएगी।
दरअसल, सेवा प्रदाता की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार आउटसोर्सिंग से कर्मियों को रखने की प्रक्रिया को नए सिरे से तय करने जा रही है। सेवा प्रदाता द्वारा संविदाकर्मियों के शोषण की लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागीय अफसरों को निर्देश दिया है कि ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे संविदाकर्मियों को न्यूनतम के बजाय उनकी योग्यता और कार्य के अनुसार पूरा वेतन मिले।
उच्च स्तरीय बैठक में योगी ने कहा कि सेवा प्रदाता द्वारा किसी भी संविदाकर्मी की सेवा को मनमाने तरीके से समाप्त न किया जा सके। किसी भी कारण से संविदाकर्मी को हटाना जरूरी हो तो उसके लिए विभागीय अफसर की सहमति जरूरी हो । सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिया है कि नियमित नौकरी का अवसर मिलने पर संविदाकर्मी को वेटेज देने पर भी विचार किया जाए ताकि उसके पास पक्की नौकरी पाने के ज्यादा अवसर हों।
विभिन्न विभागों द्वारा अपने-अपने स्तर से संविदाकर्मियों को रखने पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि राज्य स्तर पर निगम आदि बनाया जाए। इसी के माध्यम से ही सभी विभागों को उनकी आवश्यकतानुसार संविदाकर्मी उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की जाए।