प्रतापगढ़। जिले के 15 कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में तैनात शिक्षक और कर्मचारियों को अब बाहर नहीं किया जाएगा। उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ ने पुरुष कर्मचारियों के वाद को स्वीकार करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग के उस फैसले पर रोक लगा दिया है। जिसमें बालिकाओं के स्कूल में पुरुष शिक्षक और कर्मचारियों को बाहर करने का निर्णय लिया गया था।
जिले के 15 कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में 167 शिक्षक शिक्षिकाएं और कर्मचारी तैनात है। इनमें 123 शिक्षिकाएं और महिला कर्मचारी और 44 शिक्षक और पुरुष कर्मचारी तैनात हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने हाल में ही निर्णय लिया था कि कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में बालिकाएं ही पढ़ती है, इसलिए शिक्षक और कर्मचारी के रूप में सिर्फ महिलाओं की तैनाती की जाएगी।
इसके बाद कस्तूरबा स्कूलों में तैनात अध्यापक और पुरुष कर्मचारियों के नवीनीकरण पर रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद पुरुष शिक्षकों और कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद की खंडपीठ लखनऊ में वाद दायर किया। कोर्ट ने पीड़ितों के वाद को स्वीकार करते हुए विभाग के फैसले पर रोक लगा दी है। इससे अब कस्तूरबा स्कूलों में तैनात शिक्षकों और कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित हो गई है।
कस्तूरबा स्कूलों में तैनात अध्यापकों और कर्मचारियों को न्यायालय से स्थगन आदेश मिलने के बाद नवीनीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है अग्रिम आदेश तक यह लोग काम करते रहेंगे।
- मो. इजहार डीसी, बालिका शिक्षा बेसिक शिक्षा विभाग