लखनऊ। ‘एक अनार सौ बीमार’ प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के तबादले के मामले में भी यही स्थिति है। तय नीति के अनुसार केवल 10 फीसदी शिक्षकों का तबादला होना है लेकिन ठोस आधार पर स्थानान्तरण चाहने वाले शिक्षकों की संख्या इससे कई गुना अधिक है। ऐसा एक दो- नहीं दर्जनों जिलों में है जहां बड़ी संख्या में शिक्षकों ने असाध्य या गम्भीर रोग से पीड़ित होने के आधार पर स्थानान्तरण मांगा है। सबसे अधिक भारांक 20 वाले इस श्रेणी (असाध्य या गम्भीर रोग) के एक साथ इतनी अधिक संख्या में आवेदनों को देख विभागीय अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए हैं।
अकेले लखीमपुर खीरी में ही 200 से अधिक असाध्य रोगों से ग्रसित शिक्षकों की ओर से तबादले के लिए आवेदन आ चुके हैं। 17 जून रात 11.59 बजे तक स्थानांतरण के लिए आवेदन की अन्तिम तिथि थी। इसके अलावा सिद्धार्थनगर, आगरा, मुरादाबाद, सहारनपुर, शाहजहांपुर, बलिया, चन्दौली, बस्ती एवं झांसी में भी स्थानांतरण चाहने वाले असाध्य रोग पीड़ित शिक्षकों की लम्बी फेहिरस्त है। कुछ अन्य जिलों में तो बीती देर शाम तक आवेदकों के मेडिकल सट्रिफिकेट लगातार अपलोड हो रहे थे। लखीमपुर खीरी के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तो शुक्रवार की देर रात तक आए असाध्य एवं गम्भीर रोग पीड़ित आवेदकों की पूरी सूची ही स्कूल महानिदेशक कार्यालय को भेज दी। साथ ही पीड़ित शिक्षकों से कहा है कि वे सभी अभिलेखों के साथ मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित हों। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने के आधार पर बताया कि असाध्य एवं गम्भीर रोग को सबसे अधिक भारांक दिया गया है।
तबादले में वरीयता के लिए तय भारांक
मानक अधिकतम अंक
सेवा के प्रत्येक पूरे वर्ष के लिए एक अंक 15
दिव्यांग शिक्षक व शिक्षिका स्वयं प्रति या पत्नी
अविवाहित पुत्र व पुत्री 10
असाध्य या गंभीर रोग से ग्रसित शिक्षक व शिक्षिका
स्वयं पति या पत्नी अविवाहित पुत्र व पुत्री 20
शिक्षक, शिक्षिका जिनके पति या पत्नी सरकारी सेवा
केंद्र, सेवा, अर्द्धसैनिक बल, यूपी सरकार व बेसिक
शिक्षा विभाग में नियमित रूप से कार्यरत हो 10
एक अभिभावक पुत्र, पुत्रियों का अकेले पालन
करने वाले शिक्षक व शिक्षिकाएं 10
महिला शिक्षक 10
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक व शिक्षिका 05
राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक व शिक्षिका 03