दाखिला न देने पर जिम्मेदारी सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल को देने का निर्देश
लखनऊ:- आरटीई यानी शिक्षा का अधिकार के अन्तर्गत गरीब बच्चों को दाखिला देने में प्राइवेट स्कूल आनाकानी कर रहे हैं। लॉटरी के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया में रुचि न लेने वाले 61 स्कूल चिह्नित किए गए। जब डीएम ने इन स्कूलों के प्रबंधन को तलब किया तो 17 बैठक से गायब रहे। नाराज डीएम ने इन स्कूलों को नोटिस भेजा है। डीएम ने 15 जून तक की समय सीमा दी है। साथ ही बीएसए को निर्देश दिया कि आरटीई में प्रवेश देने में आनाकानी कर रहे स्कूलों में दाखिले का प्रभार सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्यों को दिया जाए। कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम सूर्य पाल गंगवार ने बुधवार को बैठक बुलाई थी।
डीएम ने जिन स्कूलों को नोटिस भेजा उनके खिलाफ आरटीई अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएम ने बताया कि अधिसंख्य स्कूलों ने लॉटरी के माध्यम से आवंटित बच्चों को प्रवेश नहीं दिया। न ही इसकी सूचना बेसिक शिक्षा अधिकारी को दी गई। इस पर डीएम सूर्य पाल गंगवार ने सख्त नाराजगी जताई। कहा कि इन स्कूलों में जितने भी प्रवेश लम्बित हैं, उन बच्चों को दाखिला दें। साथ ही कहा कि यदि कोई लाभार्थी अपात्र है तो स्कूल उसका कारण स्पष्ट करे। इसकी रिपोर्ट बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराए। पात्र बच्चों को प्रवेश न देने वाले स्कूलों को बख्शा नहीं जाएगा।