लखनऊ : राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों में अब अवकाश के लिए प्रधानाचार्य से लेकर अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने होंगे। शिक्षक मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से छुट्टी के लिए आनलाइन आवेदन करेंगे। अधिकारी आनलाइन ही उनका अवकाश स्वीकृत करेंगे। वहीं उप्र जनहित गारंटी अधिनियम के तहत अवकाश व पेंशन इत्यादि के आवेदनों पर निर्णय भी तय समय-सीमा के भीतर करना होगा।
अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार की ओर से जारी आदेश में आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति के लिए सक्षम अधिकारी प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक को बनाया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) और डीआइओएस द्वितीय शिक्षकों के 30 दिन का चिकित्सा अवकाश, उपार्जित अवकाश, देखभाल अवकाश, असाधारण अवकाश, अध्ययन अवकाश व प्रसूति अवकाश इत्यादि स्वीकृत करेंगे। ये प्रधानाचार्य प्रधानाध्यापक व के आकस्मिक अवकाश भी स्वीकृत करेंगे।
मंडलीय उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) शिक्षकों को चार महीने तक का चिकित्सा अवकाश उपार्जित व बाल्य देखभाल आदि अवकाश दे सकेंगे। वह अधीनस्थ राजपत्रित वेतनक्रम में कार्यरत राजपत्रित अधिकारियों को 30 दिन का चिकित्सीय अवकाश, उपार्जित,बाल्य देखभाल अवकाश, असाधारण अवकाश व अध्ययन अवकाश आदि दे सकेंगे।
ऐसे अवकाश व रिटायर होने के बाद अवकाश नकदीकरण जो नियमानुसार माध्यमिक शिक्षा निदेशक व अपर शिक्षा निदेशक द्वारा स्वीकृत किया जाता था मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) द्वारा किया जाएगा
पेंशन के लिए 60 व जीपीएफ पर 30 दिन में लेना होगा निर्णय
उम्र जनहित गारंटी अधिनियम के तहत शिक्षकों व रिटायर शिक्षकों के आवेदन करने की तिथि से पेंशन स्वीकृति पर 60 दिन में, जीपीएफ स्वीकृति पर 30 दिन, चिकित्सा अवकाश स्वीकृति पर 15 दिन, चिकित्सा प्रतिपूर्ति पर 60 दिन, प्रोविजनल पेंशन स्वीकृति पर 30 दिन, उपार्जित अवकाश स्वीकृति पर 15 दिन, वेतन भुगतान पर 15 दिन, गोपनीय प्रविष्टि पर 30 दिन, एसीपी पर 90 दिन, मृतक आश्रित नियुक्ति पर 90 दिन, आकस्मिक अवकाश पर उसी दिन, बाल्य देखभाल अवकाश पर 15 दिन, गर्भपात अवकाश पर 15 दिन, अध्ययन अवकाश पर 60 दिन, आसाधारण अवकाश पर 60 दिन, बाल्य चयन वेतनमान पर 30 दिन और प्रोन्नत वेतनमान पर 30 दिनों में निर्णय लेना होगा। निश्चित समय सीमा में वह दो बार अपील कर सकेंगे।