लखनऊ, यूपी की ब्यूरोक्रेसी में इस माह बड़ा उलटफेर होने जा रहा है। इसकी मुख्य वजह चार अधिकारी डा. प्रशांत त्रिवेदी, संजय आर भूसरेड्डी, आलोक कुमार प्रथम व आनंद कुमार का रिटायर होना है। साथ ही पीसीएस अधिकारियों में उदय सिंह, दिवाकर सिंह, अभय कुमार मिश्रा व देवी दयाल को भी इसी माह सेवानिवृत्त होना है।
इनके स्थानों पर नई तैनातियों के साथ की खराब काम करने वाले एक दर्जन से अधिक डीएम और एक ही जिलों में तीन साल से अधिक समय से जमे करीब 80 पीसीएस अधिकारियों को इधर से उधर किया जाना तय है। वर्ष 1989 बैच के संजय आर भूसरेड्डी के पास तीन अहम पदों की जिम्मेदारी है। अपर मुख्य सचिव गन्ना व आबकारी के साथ गन्ना आयुक्त का पद उनके भी है। ये तीनों विभाग काफी अहम हैं। इसीलिए तीनों पदों का दायित्व किसी वरिष्ठ आईएएस अफसर को देकर चलाया जा सकता है। ऐसा न होने पर तीन अफसरों को अलग-अलग यह काम देना पड़ेगा।अपर मुख्य सचिव वित्त और वित्त आयुक्त के पद पर रहे डा. प्रशांत त्रिवेदी को अचानक हटाकर अध्यक्ष यूपीएसआरटीसी बना दिया गया। वह भी इसी माह सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके हटाने के बाद वर्ष 1990 बैच के दीपक कुमार को वित्त विभाग का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। उनके पास पहले से बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग है। अमूमन यह दोनों विभाग अलग-अलग अफसरों के पास हुआ करते थे।
दीपक कुमार के पास तीन अहम विभागों का दायित्व है। इससे तय माना जा रहा है कि उनके पास से कुछ काम कम किया जाएगा। उनकी वित्त विभाग में स्थाई तैनाती होने की स्थिति में बेसिक व माध्यमिक के लिए अलग से अफसर तैनात होंगे और वित्त हटाया गया तो इस पद पर किसी वरिष्ठ की तैनाती होगी।
सूत्रों का कहना है इन विभागों में स्थाई तैनाती होने की स्थिति में कम से कम छह से सात वरिष्ठ आईएएस अफसरों के कामों में बदलाव होगा। इसके साथ ही अधिकारिक सूत्रों का दावा है कि जिलों में खराब काम करने वाले डीएम के स्थान पर नई तैनाती पर मंथन चल रहा है।
इसके लिए वर्ष 2015 बैच के आईएएस अफसरों के नामों पर विचार हो रहा है। कुछ विशेष सचिव स्तर के अफसरों को जिलों की कमान मिल सकती है।