केंद्र सरकार ने बुधवार को गन्ना किसानों को बड़ी सौगात दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गन्ना के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 10 रुपये बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। यह वृद्धि 2023-24 सत्र के लिए की गई है।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की हुई बैठक में यह फैसला किया गया। अनुराग ठाकुर ने फैसलों की जानकारी देते हुए दावा किया कि इससे पांच करोड़ गन्ना किसानों को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि गन्ने का न्यूनतम मूल्य 2013-14 में 210 रुपये प्रति क्विंटल था।
उत्पादन लागत से 100 फीसदी अधिक एक बयान में कहा गया है कि पेराई सत्र (एक अक्तूबर 23 से 30 सितंबर 24) के लिए गन्ने की उत्पादन लागत 157 रुपये प्रति क्विंटल है। 10.25 की रिकवरी दर पर 315 रुपये क्विंटल का यह एफआरपी उत्पादन लागत से सौ फीसदी अधिक है। वहीं, पेराई सत्र 2023-24 के लिए एफआरपी मौजूदा सीजन से 3.28 प्रतिशत अधिक है।
क्या होता है एफआरपी उचित और लाभकारी मूल्य गन्ने का वह न्यूनतम दाम है, जो चीनी मिलों को किसानों को भुगतान करना होता है। इसे 2009 में वैधानिक न्यूनतम मूल्य के स्थान पर लागू किया गया था। जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य रबी और खरीफ फसलों की वह दर है, जिससे कम देकर किसान से कोई भी कारोबारी सीधे उपज नहीं खरीद सकता।
वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा दिया जाएगा
मंत्रिमंडल ने नई योजना पीएम-प्रणाम को भी मंजूरी दे दी। इसके तहत वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल घटाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा।