बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत सवा लाख से अधिक शिक्षामित्रों की मानदेय वृद्धि पर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। 27 जून को होने जा रही विधान परिषद के विनियम समीक्षा समिति की बैठक में इस बारे में चर्चा होगी। इसी बैठक में परिषदीय स्कूलों में आरटीई के तहत शिक्षकों की भर्ती के संबंध में भी चर्चा होनी है। विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को बैठक के संबंध जानकारी भेजी गई है। बैठक में इन दोनों मुद्दों के साथ ही कुल 15 बिन्दुओं पर चर्चा की जाएगी।
बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि शिक्षामित्रों के मानदेय में अगस्त 2018 के बाद से वृद्धि नहीं हुई है। दस हजार मानदेय पर सेवा दे रहे शिक्षामित्र काफी समय से शिक्षकों के समान कार्य पर समान वेतन देने और अन्य सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं।
वहीं डीएलएड (बीटीसी) और बीएड के साथ यूपीटीईटी/सीटीईटी पास लाखों बेरोजगार नई शिक्षक भर्ती शुरू करने को आंदोलित हैं। कई जिलों में शिक्षकों के स्वीकृत पदों में से 10 फीसदी से अधिक पद रिक्त होने पर पिछले दिनों जौनपुर के इंदुभाल तिवारी ने भर्ती शुरू करने को याचिका भी की है।
विशिष्ट बीटीसी 2004 के मानदेय पर भी चर्चा
विनियम समीक्षा समिति की बैठक में विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच में प्रशिक्षण के बावजूद बेरोजगार तकरीबन 500 प्रशिक्षुओं को सितंबर 2013 से मानदेय दिए जाने पर भी चर्चा होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मानदेय भुगतान की प्रक्रिया गतिमान है। प्रत्येक बेरोजगार को प्रतिमाह 2500 रुपये के हिसाब से लगभग ढाई-ढाई लाख रुपये मिलने हैं।
्