खीरी में करीब तीन हजार शिक्षकों ने आवेदन किया। करीब 250 आवेदन होने पर डीएम के निर्देश पर एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया। असाध्य रोगी के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों के प्रमाणपत्र देखने के साथ ही बीमार व्यक्ति को भी बुलाया गया। मेडिकल बोर्ड के सामने करीब 50 प्रतिशत आवेदन फर्जी पाए गए। इनके भारांक के दावे को खारिज कर दिया गया। बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि असाध्य बीमारी वाले लगभग 50 आवेदन सही नहीं पाए गए हैं। इनके भारांक के दावे को खारिज कर दिया गया है। फर्जीवाड़ा करने में शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जा सकती है।
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