प्रयागराज : बेसिक शिक्षा की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण घोटाले के आरोप पर निर्णय अब कोर्ट के रुख पर टिक गया है। हाई कोर्ट लखनऊ की डबल बेंच में सुनवाई से स्पष्ट हो गया है कि अब अंतिम निर्णय जुलाई में कोर्ट खुलने के बाद आएगा। कोर्ट ने अंतरिम आदेश में सरकार द्वारा अपने स्तर से बनाई गई किसी भी प्रकार की सूची को डबल बेंच से आदेश होने तक सार्वजनिक करने से रोक दिया है।
इस भर्ती में आरक्षण की गड़बड़ी से आरक्षित वर्ग की 19000 सीटों पर गलत चयन होने का आरोप लगाकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश चौधरी का कहना है कि इस भर्ती की मूल चयन सूची अधिकारियों ने आज तक
नहीं बनाई, जबकि हर भर्ती की मूल चयन सूची बनती है। इसे छिपाकर आरक्षण देने में गड़बड़ी की गई है। मोर्चा के प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप का कहना है 29 मई की सुनवाई में जिस तरह कोर्ट ने रुख अपनाया है, उससे सकारात्मक उम्मीद जगी है। प्रकरण में अगली सुनवाई 17 जुलाई को है।
हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की सिंगल बेंच ने इस भर्ती की संशोधित सूची तीन महीने में जारी करने का आदेश दिया था। इधर, आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी न्याय पाने के लिए डबल बेंच में पहुंच गए। आरोप है कि आरक्षण दिए जाने में नियम का पालन नहीं किया गया, जिसके कारण आरक्षित वर्ग के करीब 19000 अभ्यर्थी चयन से वंचित हो गए हैं। इन अभ्यर्थियों ने न्याय मिलने की उम्मीद जताई है