सेवा में आने के बाद अपना गृह जनपद बदलवाने वाले पुलिस कर्मियों को तबादले में इसका लाभ नहीं मिलेगा। उनकी चरित्र पंजिका में पुराने गृह जनपद का जिक्र हमेशा बना रहेगा। डीजीपी विजय कुमार ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को परिपत्र भेजा है। इसमें प्रदेश के सभी अराजपत्रित पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के भर्ती के समय अंकित गृह जनपद का पता परिवर्तित किए जाने पर वर्तमान पते के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। परिपत्र में कहा गया है कि किसी भी अफसर या कर्मचारी के भर्ती के समय घोषित गृह जनपद के परिवर्तन के लिए शासन से अनुमति प्राप्त होने के बाद गृह जनपद का पता चरित्र पंजिका के प्रथम पृष्ठ पर अंकित मूल निवास पते के बाईं तरफ राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित करते हुए नाम, पदनाम एवं दिनांक सहित स्पष्ट हस्ताक्षर किया जाएगा। संबंधित लिपिक द्वारा भी नाम, पदनाम अंकित करते हुए सुस्पष्ट हस्ताक्षर दिनांक समेत किया जाएगा। नाम-पदनाम की मुहर लगाई जाएगी। किसी भी अफसर या कर्मचारी के भर्ती के समय घोषित मूल जनपद का पता रिकॉर्ड से नहीं हटेगा। भर्ती के समय घोषित जनपद पता, संशोधित पता चरित्र पंजिका में साफ-साफ अंकित रहेगा।
सेवा में आने के बाद दूसरा स्थाई पता नहीं दर्ज होगा
परिपत्र में स्पष्ट है कि किसी कर्मचारी द्वारा अर्जित संपत्ति या अन्य कारणों से नए स्थान के घोषित पते का लाभ एलटीसी या अन्य शासकीय कार्य से यात्रा के कारण भुगतान में तो मिलेगा, स्थायी पता बदलने का लाभ कर्मचारी को तबादले में नहीं मिलेगा। आरक्षण लाभ से भर्ती पुलिस कर्मी दूसरे प्रदेश का स्थाई पता नहीं दर्ज करा सकते, क्योंकि वे भर्ती के समय यूपी के मूल गृह जनपद से आरक्षण का लाभ लेकर भर्ती हुए हैं।