लखनऊ, । दक्षिणी पश्चिमी मानसून अपने सामान्य निर्धारित समय चक्र से पांच दिन की लेटलतीफी के साथ आखिरकार गुरुवार को उत्तर प्रदेश पहुंच गया। पिछले साल प्रदेश में एक जुलाई को मानसून पहुंचा था। गोरखपुर सहित आसपास के इलाकों में घने बादल छाए हुए हैं। वैसे राज्य में गोरखपुर के रास्ते मानसून के दाखिल होने की सामान्य तारीख 18 जून है। गुरुवार को मानसून की ट्रफ लाइन रत्नागिरी, बीजापुर, निजामाबाद, दुर्ग, डाल्टनगंज, बक्सर, सिद्धार्थनगर होकर गुजर रही थी।
आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के मौसम विज्ञानी अतुल कुमार सिंह के अनुसार अगले दो दिनों में मानसून लखनऊ और आसपास के इलाकों में पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि शनिवार को तो हल्की बारिश है। मगर उसके बाद रविवार और सोमवार को लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न अंचलों में सामान्य से भारी बारिश होने के आसान बन रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून आगे बढ़ रहा है। वैसे प्रदेश में इस बार जून में अब तक जितनी बारिश होनी चाहिए थी, उससे आधी बारिश हुई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार 23 जून तक प्रदेश में 53.7 मिलीमीटर औसत सामान्य बारिश होनी चाहिए थी, मगर हुई महज 26.5 मिमी बारिश। 23 जून तक प्रदेश के पूर्वी इलाकों में औसतन 60.7 मिमी सामान्य बारिश होनी चाहिए थी। मगर हुई महज 18.5 मिमी । पश्चमी यूपी में थोड़ी अच्छी बारिश हुई।
अब मौसम की और सटीक जानकारी मिलेगी
लखनऊ। प्रदेश के जनजीवन को अब मौसम और प्राकृतिक आपदा से संबंधित सटीक तथा समय से जानकारी मिल सकेगी। अगले एक साल के भीतर राज्य में 450 आटोमेटिक वेदर स्टेशन, 2000 आटोमेटिक रेन गेट स्टेशन और पांच डालर रडार स्थापित किए जाएंगे। इस बारे में गुरुवार को केन्द्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र के महानिदेशक डा. मृत्युंजय महापात्र तथा मुख्य सचिव दुर्गाशंकर के बीच हुई बातचीत में सहमति बनी। अभी तक प्रदेश में 69 वेदर स्टेशन, 123 आटोमेटिक रेन गेट स्टेशन और मात्र एक डालर लखनऊ में लगा हुआ है। अब जो पांच डॉप्लर रडार लगाए जाने हैं, उनमें लखनऊ में एक और लगेगा। इसके अलावा झांसी, आजमगढ़, अलीगढ़, वाराणसी में भी डाप्लर रडार लगाए जाएंगे। यह जानकारी आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक आर. एम. रानालकर ने दी