सुलतानपुर, फर्रुखाबाद, मुजफ्फरनगर, बलिया, फिरोजाबाद, महोबा, कानपुर नगर, कानपुर देहात, प्रतापगढ़, चंदौली, महराजगंज, पीलीभीत, हमीरपुर, वाराणसी, अम्बेडकरनगर, देवरिया, बाराबंकी, आजमगढ़, जौनपुर समेत कई जिले।
बरामद दस्तावेज
● स्वास्थ्य सेवा संस्थान से सम्बंधित फर्जी एवं कूटरचित 75 नियुक्ति पत्र
● 18 अभ्यर्थियों के मूल अंकपत्र व 36 फर्जी नियुक्ति पत्र
● 41 शपथ पत्र व प्रशिक्षण आदेश की कॉपी
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। एसटीएफ ने मानव विकास स्वास्थ्य सेवा नाम से फर्जी संस्थान बनाकर 300 से ज्यादा युवकों को यूपी के कई जिलों में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर करोड़ों रुपये की वसूली करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।
सरगना फरार शुक्रवार को गिरोह के एक सदस्य को विभूतिखंड से गिरफ्तार कर लिया जबकि सरगना अभी फरार है। इस गिरोह ने नायाब तरीके से ठगी की। पहले उसने 300 से ज्यादा कर्मचारियों को दो-तीन लाख रुपये में स्वास्थ्य विभाग में भर्ती का फर्जी नियुक्ति पत्र देकर प्रशिक्षण शुरू कराया। फिर इन लोगों को छोटे जिलों में तैनात कर स्वास्थ्य सेवा मुफ्त में देने का लालच देकर प्रत्येक ग्रामीण से 350 रुपये जमा कराना शुरू कर दिया।
ग्रामीण जाल में फंसे दो महीने में कई ग्रामीण इनके जाल में फंस गये थे। इस बीच फर्जी नियुक्ति पत्र देकर जिलों में काम कर रहे युवकों को सच्चाई पता चल गई। उन लोगों ने रुपये लौटाने को कहा तो गिरोह के लोग विभूतिखंड का अपना दफ्तर बंद कर फरार हो गए। जानकारी के आधार पर एसटीएफ ने सम्बन्धित जिलों के एसपी को भी सूचना दी है।
पहले दो-तीन लाख लेकर फर्जी नौकरी दी एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश कुमार शाही के मुताबिक गिरफ्तार सदस्य की पहचान कंचनपुर मटियारी चिनहट निवासी रामाश्रय के रूप में हुई। वह मऊ के मोहम्मदपुर, जगदीशपुर का रहने वाला है। इस गिरोह का सरगना कमलेश यादव अभी फरार है। ये लोग इंडियन हेल्थ डॉट इन नाम से एक फर्जी वेबसाइट भी चला रहे थे। इस वेबसाइट को ये लोग स्वास्थ्य विभाग का बताते थे। कुछ युवकों ने गिरोह की शिकायत की।