लखनऊ। अनुसूचित जाति, जनजाति व सामान्य वर्ग के गरीब व जरूरतमंद छात्र-छात्राओं के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित छात्रवृत्ति योजना में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। योजना की नियमावली संशोधित की गयी है। इन संशोधनों को मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलते ही संशोधित छात्रवृत्ति योजना इसी शैक्षिक सत्र से लागू कर दी जाएगी।
समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने अनौपचारिक बातचीत में इस बात के संकेत दिये हैं। विभाग का छात्रवृत्ति योजना का पोर्टल अब साल भर खुला रहेगा। अभी तक यह शैक्षिक सत्र शुरू होने पर एक सीमित अवधि के लिए खोला जाता रहा है।
ऐसे में महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों आदि के परीक्षा परिणाम आने में विलम्ब होने पर पोर्टल बंद हो जाता था और जरूरतमंद छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति तथा फीस भरपाई के लिए आवेदन करने से वंचित रह जाते थे। यही नहीं जिस छात्र या छात्रा को उसके पाठ्यक्रम के पहले साल छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा मिलेगी तो फिर उसे पूरे पाठ्यक्रम में यह सुविधा मिलती रहेगी, बीच में अब कोई व्यावधान नहीं आएगा।
इसीलिए पात्रता के मानकों को और दुरुस्त किया गया है। अब इस छात्रवृत्ति योजना में कुछ ऐसे भी प्रावधान किये जा रहे हैं ताकि छात्रवृत्ति और फीस भरपाई वितरण में फर्जीवाड़े को सख्त से रोका जा सके। आवेदक छात्र-छात्रा की कक्षा में उपस्थिति, उसके प्राप्तांक के अलावा कई अन्य मानक भी तैयार किये गये हैं ताकि वाकई जरूरतमंद और पात्र आवेदक को ही लाभ मिल सके। वर्ष 2012 की इस मूल नियमावली में वर्ष 2014 व वर्ष 2016 में भी कुछ संशोधन हुए हैं।