म्यूच्यूअल अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में पुरुष 05 साल व महिला 02 साल लागू रहेगा,, अंतर्जनपदीय म्यूच्यूअल यथाशीघ्र करने के निर्देश
हाई कोर्ट इलाहाबाद
डबल बेंच का फाइनल ऑर्डर अपलोड हो गया है जिसमें 6 हफ्ते के भीतर अंतरजनपदीय म्यूचुअल ट्रांसफर ऑनलाइन आवेदन शुरू करने का निर्देश दिया है , बाकी सब पहले जैसा ही रहेगा,पांच वर्ष और दो वर्ष में कोई शिथिलता नहीं दी गई है
याचिका संख्या 10209/ 2023 कुलभूषण मिश्रा एंड अदर्स का सार —
रिट संख्या 10209 कुलभूषण मिश्र एंड अदर्स अधिवक्ता श्री सतेंद्र चन्द्र त्रिपाठी के द्वारा डबल बेंच उच्च न्यायालय इलाहाबाद में पारस्परिक स्थानांतरण को लेकर दाखिल की गई थी । जिसमे —
1-उन्होंने 2 जून के G.O. तथा 8 जून को जारी सर्कुलर को चैलेंज किया है।
2- दो जून के G.O. के बिन्दु 1 के अनुसार पारस्परिक स्थानांतरण की समय सीमा महिलाओं के लिए 2 वर्ष तथा पुरुषों के लिए 5 वर्ष की है, जिसे चैलेंज करते हुए बिना समय सीमा के पारस्परिक स्थानांतरण करने की याचना की थी। जिसमे कोर्ट ने कोई शिथिलता नही दी अर्थात अब पारस्परिक स्थानांतरण में भी समय सीमा तय हो गयी।
3- दो जून के G.O. के बिंदु 15 को चैलेंज करते हुए पारस्परिक स्थानांतरण ऑफलाइन की मांग की गई, जिसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया।।
यह याचिका खारिज ही नही अपितु नजीर बन गयी। डबल बेंच का ऑर्डर है जो कि सभी के लिए कष्टकारी हो गया। इससे भी खतरनाक स्थिति यह है कि इसमें माननीय उच्चतम न्यायालय के जज साहब S K नौसाद साहब के आदेश के अनुसार court can’t direct the executive to frame a particular policy. अर्थात कोर्ट किसी पर्टिकुलर पॉलिसी के लिए आदेश नही दे सकता वाला आदेश और थोप दिया गया। अब आप स्पस्ट समझ गए होंगे कि आनन फानन में बिना किसी सीनियर अधिवक्ता की सलाह लिये कितना घातक होता है। यह रिट सबके लिए नजीर नही जंजीर बन गयी। कोर्ट में बिना होमवर्क किये कदम नही रखना चाहिए अन्यथा आप अपने साथ साथ दूसरों को भी संकट में डाल देते हैं। फिलहाल अपना संघर्ष जारी है और रहेगा। — जय हिंद
नोट- इस याचिका में कही भी महिलाओं के वेटेज को चैलेंज नही किया गया।
आपका
डॉ0 चन्द्रा
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