प्रयागराज । प्रदेश की दो प्रमुख भर्ती संस्थाओं उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पास वर्तमान में कोई काम नहीं है। इन भर्ती संस्थाओं के कर्मचारी भी खाली बैठे हैं। इनके साथ अभ्यर्थियों को भी नए शिक्षा सेवा आयोग के गठन का इंतजार है, जिससे कर्मचारियों को काम और बेरोजगार अभ्यर्थियों को नौकरी मिल सके।
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के कर्मचारियों को नए शिक्षा सेवा चयन आयोग में समायोजित किए जाने की तैयारी है। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में आठ स्थायी कर्मचारी हैं, जिनमें चार कर्मचारी तृतीय श्रेणी और चार चतुर्थ श्रेणी के हैं। वहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में 24 स्थायी कर्मचारी हैं।
इन दोनों भर्ती संस्थाओं के पास अगस्त-2022 के बाद से कोई काम नहीं है। अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों और अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता (पीजीटी) के चार हजार से अधिक पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया अगस्त- 2022 में पूरी हो चुकी है। आवेदन की प्रक्रिया पूरी हुए साल भर होने वाले हैं, लेकिन परीक्षा तिथि भी अब तक घोषित नहीं की जा सकी है.
अब नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद ही अधूरी पड़ी शिक्षक भर्ती शुरू कराई जा सकेगी। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को नए आयोग में मर्ज किया जाना है। ऐसे में कर्मचारियों को भी काम मिलने का इंतजार है।
वहीं, इन दोनों भर्तियों के लिए आवेदन करने वाले तकरीबन 15 लाख अभ्यर्थियों को भी नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन का इंतजार है। भर्ती के लिए फॉर्म भरने के बाद ये अभ्यर्थी साल भर से परीक्षा तिथि घोषित होने का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी अन्य भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने के लिए ओवरएज हो चुके हैं और उनके पास अब कोई विकल्प नहीं रह गया।