लखनऊ : जल जीवन मिशन प्यास बुझाने के साथ ही बेसिक शिक्षा परिषद के नौ विद्यालयों के कायाकल्प का जरिया भी बनेगा । स्कूलों की सूरत बदलने की यह पहल बिना किसी सरकारी बजट के होगी। जल जीवन मिशन में काम कर रही कंपनियां अपने सीएसआर फंड से कक्षा एक से आठ तक के विद्यालयों को कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देंगी। इन विद्यालयों में विज्ञान, कंप्यूटर की नई लैब बनेगी। बच्चे लैब में ही गणित के गुर भी सीखेंगे। स्मार्ट क्लास होंगे, मिड- डे-मील के लिए डाइनिंग शेड भी बनेगा। मल्टीपल हैंडवाशिंग यूनिट के साथ-साथ सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों के लिए भी पर्याप्त स्थल भी होगा। स्कूलों की नई चारदीवारी और नए कक्ष भी बनेंगे। पहले चरण में विंध्य – बुंदेलखंड के विद्यालयों में एक – एक विद्यालय का चयन किया गया है।
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव के मुताबिक जल जीवन मिशन में काम कर रही कंपनियां अपने सीएसआर फंड से गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों का कायाकल्प करेंगी। प्रमुख सचिव ने ग्रामीण क्षेत्र के छात्र – छात्राओं को बेहतर और आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराकर इन विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये हैं।
पहले चरण में 12.78 करोड़ की लागत से बुंदेलखंड क्षेत्र के सात जिले चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, बांदा, झांसी, जालौन, ललितपुर और विंध्य (मीरजापुर एवं सोनभद्र ) के एक-एक विद्यालय को मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय के रूप में विकसित किया जाना है।