डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) या बीटीसी प्रशिक्षुओं की लाखों रुपये की कॉशन मनी निजी कॉलेज के प्रबंधक डकार गए। इसकी शिकायत होने पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्यों को पत्र लिखकर प्रशिक्षुओं की कॉशन मनी वापस कराने के निर्देश दिए हैं।
निजी कॉलेजों में दाखिले के समय डीएलएड प्रशिक्षु से तीन हजार रुपये कॉशन मनी ली जाती है। डायट में 2500 रुपये कॉशन मनी जमा होती है। जो चतुर्थ सेमेस्टर का परीक्षाफल घोषित होने के दो दिन के अंदर वापस करने और निर्धारित समय में कॉशन मनी वापस न होने पर 50 रुपये प्रतिदिन के दंड का भी नियम है। डायट से तो कॉशन मनी की फीस वापस कर दी जाती है लेकिन अधिकांश निजी कॉलेज यह राशि प्रशिक्षुओं को नहीं लौटाते।
यही नहीं दो वर्षीय प्रशिक्षण के दौरान निजी कॉलेज प्रबंधन तरह-तरह से रुपये की वसूली करते हैं। पिछले दिनों कुछ प्रशिक्षुओं ने कॉशन मनी वापस न मिलने की शिकायत की थी। जिस पर सचिव ने कॉशन मनी वापसी सुनिश्चित करने के निर्देश डायट प्राचार्यों को दिए हैं।