लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों में पहले से करीब 200 शिक्षक अधिक हैं। अन्तर जनपदीय तबादले में पहले लखनऊ में शिक्षकों के शून्य पद दिखाये। इसके बावजूद 71 शिक्षक गैर जिलों से तबादले में आ गए। अब इन शिक्षकों को तय मानक पर स्कूलों में तैनाती देने में अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। मजबूरन कई स्कूलों में मानक को नजर अंदाज कर तैनाती देनी पड़ रही है।
अन्तर जनपदीय स्थानांतरण में हर बार अधिकारी पहले लखनऊ में शिक्षकों के पद शून्य बताते हैं। ताकि शिक्षक आवेदन न कर पाएं। इस बार भी लखनऊ में पहले शिक्षकों के पद शून्य बताये। बाद में अधिकारियों ने करीबी शिक्षकों को लखनऊ लाने के लिए आवेदन के आखिरी दिनों में शिक्षकों के पदनाम में खेल कर 71 शिक्षकों के तबादले कर दिये। जबकि यहां से सिर्फ चार शिक्षक बाहर गए। जबकि जितने शिक्षक यहां आने थे, उतने ही यहां से जाने थे। वर्ष 2018 में 150 से अधिक शिक्षक तबादले में लखनऊ आये थे।
शहर के नजदीकी ब्लॉक में तैनाती का दबाव अन्तर जनपदीय तबादले में बाहर से आने वाले शिक्षक शहर के नजदीकी ब्लॉकों में तैनाती का दबाव बना रहे हैं। नेताओं से लेकर शासन व विभाग के बड़े अफसर शिक्षकों की तैनाती शहर से सटे इलाकों में करने के लिए बीएसए से सिफारिश कर रहे हैं। जबकि इन स्कूलों में पहले से मानक से अधिक शिक्षक तैनात हैं। सोमवार को तबादले में आये 71 में से सिर्फ चार शिक्षकों ने ज्वाइन किया है।
सबसे ज्यादा शिक्षक इन इलाकों में
लखनऊ के नगर व ग्रामीण क्षेत्र में 1618 प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में करीब पांच हजार शिक्षक तैनात हैं। प्राइमरी में 30 बच्चों पर एक शिक्षक और जूनियर में 35 बच्चों पर एक शिक्षक का मानक है। इनमें सरोजनीनगर, बीकेटी, मोहनलालगंज, गोसाईंगंज, चिनहट, काकोरी के कई स्कूलों में मानक से अधिक शिक्षक हैं। जबकि माल, मलिहाबाद व नगराम के स्कूलों में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षक कम हैं
अन्तर जनपदीय तबादले में प्राइमरी व जूनियर के प्रधानाध्यापक के शिक्षक आये हैं। जिन स्कूलों में शिक्षक कम हैं। वहां पर इन्हें नियुक्त किया जा रहा है।
अरुण कुमार, बीएसए