शिक्षकों के रुचि न लेने के कारण 158 विद्यालयों में नामांकन शून्य
गाजीपुर। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए अप्रैल माह में स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अभियान में शिक्षकों को अपने- अपने विद्यालयों में नवीन नामांकन बढ़ाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया, लेकिन जिले में 158 विद्यालय ऐसे है जहां बच्चों का नवीन नामांकन शून्य है। इसमें 142 प्राथमिक और 16 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इसको गंभीरता से लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने इन सभी विद्यालयों के करीब 450 शैक्षणिक कर्मियों का वेतन रोक दिया है।
जिले में 2269 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इनमें 1468 प्राथमिक 352 उच्च प्राथमिक एवं 449 कंपोजिट स्कूल हैं। इन विद्यालयों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए अप्रैल माह में स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ किया गया था। इस अभियान में शिक्षकों को अपने-अपने विद्यालय में नवीन नामांकन बढ़ाने और उसकी जानकारी प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके साथ स्कूल चलो अभियान में स्थित हाउसहोल्ड सर्वे का भी कार्य शिक्षकों को दिया गया था। निर्धारित समय में यह सर्वे करके बच्चों के नामांकन की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। बावजूद इसके अध्यापकों के रुचि न लेने के कारण वर्तमान में 158 विद्यालय ऐसे हैं जहां नामांकन शून्य है। इसमें 142 प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक में और 16 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा छह में नामांकन की संख्या शून्य है। गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूल खुले एक पखवारा
कहीं नहीं आ रहे बच्चे तो कहीं गायब मिले अध्यापक
गाजीपुर। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की और से परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण कराया जा रहा है, लेकिन इस कवायद को इनक शिक्षकों पर नहीं दिखाई दे रही है। हालत यह है कि लगातार दो दिनों से चल रहे निरीक्षण अभियान के बाद भी शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं हो रही है। इतना ही नहीं, कुछ स्थानों पर विद्यार्थी भी नहीं आ रहे हैं। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों एवं जिला समन्वयकों की तीन-तीन की टीम बनाकर मंगलवार को शिक्षा क्षेत्र भदौरा, मुहम्मदाबाद, देवकली जखनिया, मरदह एवं गाजीपुर सदर में किया 89 विद्यालयों का निरीक्षण गया। इस दौरान दो अध्यापक बीतने के बाद भी बच्चों के नामांकन में प्रगति देखने को नहीं मिल रही है। इसको लेकर बीएसए की त्योरी चढ़ी हुई है। उन्होंने इन विद्यालयों के शैक्षणिक कर्मियों का वेतन रोक
सबसे ज्यादा सैदपुर और जखनिया के विद्यालय गाजीपुर। नवीन नामांकन करने के मामले में फिसड्डी जिले के 158 में सबसे ज्यादा परिषदीय विद्यालय जहाँ सैदपुर-जखनिया विकासखंड एवं एक शिक्षा मित्र अनुपस्थित मिले। इसके पहले सोमवार को स अध्यापक एवं पांच शिक्षामित्र अनुपस्थित मिले थे। बेसिक शिक्षक हेमंत राय ने बताया कि निरीक्षण के दौरान प्राथमिक विद्यालय टोडरपुर राजीव गिरी, प्राथमिक विद्यालय करहिया उत्तरों पर रामविलास राम अनुपस्थित पाए गए। प्राथमिक विद्यालय लखनौली पर नीलू सिंह कुशवाहा दो नवंबर 2022 से लगातार बिना सूचना के अनुपस्थित
निरीक्षण के समय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय रसूलबाद में छात्र-छात्र उपस्थित नहीं मिले। हालांकि मौके पर मिले अध्यापक से इसके लिए में है, वहीं मरदह में इनकी संख्या सबसे कम है। हैरानी की बात तो यह है कि नगर क्षेत्र भी इसमें शामिल हैं। बाराचवर में 17, भदौरा में सात, भांवरकोल में 13, देवकलो एवं गाजीपुर में दो-दो, करंड़ा सात तथा कासिमाबाद में शून्य नामांकन वाले 13 विद्यालय हैं। इसी प्रकार मनिहारी में 13, मरदह एक, मुहम्मदाबाद चार, रेवतीपुर तीन, सादात 16, सैदपुर 18, जखनिया 18 जमानिया 14 एवं नगर क्षेत्र के सष्टीकरण मांगा गया है। इस संबंध में बीएसए ने बताया कि निरीक्षण के दौरान विद्यालयों में अनुपस्थित पाए गए अध्यापकों, शिक्षा मित्र की अनुपस्थित तिथि का वेतन मानदेय अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है। जिन विद्यालयों में कमियां पाई गई है, उन विद्यालयों के संबंधित प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों सहित सभी स्टाफ को निर्देश दिया कि नियमित रूप से समय से विद्यालयों में उपस्थित होकर अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन शासन के आदेश के अनुसार करें। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता कतई न की जाए।