लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में किए गए तबादलों में शिक्षकों ने गलत कागजात लगाकर लाभ लिया। शासन के निर्देश पर जिलों में जब सीडीओ की अध्यक्षता वाली कमेटी ने जांच की तो उनकी ओर से लिए गए वेटेज को सही नहीं पाया गया। इसे देखते हुए शिक्षकों को कार्यमुक्त करने से रोक दिया गया है। वहीं, अब इन पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने लंबे समय बाद शिक्षकों के एक से दूसरे जिले में तबादले के लिए प्रक्रिया शुरू की। लंबी जद्दोजहद के बाद 16,614 शिक्षकों के तबादले किए गए। किंतु शिक्षकों को कार्यमुक्त करने से पहले उनकी ओर से विभिन्न वेटेज के लिए लगाए गए कागजातों की फिर से जांच कराने का निर्णय लिया गया। क्योंकि परिजनों के असाध्य रोग के लिए लगाए गए कागजात में प्राथमिक स्तर पर कमियां मिली थीं। इसके लिए हर जिले में सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था। जांच के बाद श्रावस्ती में 38 और बहराइच में 55 शिक्षकों को अपात्र पाए जाने पर कार्यमुक्त करने से रोक दिया गया। श्रावस्ती में 38 में से 35 शिक्षकों व बहराइच में 55 में से 50 शिक्षकों ने असाध्य रोग से संबंधित वेटेज के लिए आवेदन किया था। इनके कागज सही न पाए जाने पर इनका तबादला रोक दिया गया है। जबकि श्रावस्ती के शेष तीन व बहराइच में पांच शिक्षकों का तबादला अन्य कारणों से रोका गया है। संबंधित जिलों के बीएसए ने इन शिक्षकों को कार्यमुक्त न करने का आदेश दिया है। यह स्थिति कई अन्य जिलों में भी है।
जिलों में नहीं पूरी हुई तबादला प्रक्रिया
शासन स्तर पर भले ही शिक्षकों के तबादले की सूची जारी कर दी गई। किंतु सीडीओ की अध्यक्षता वाली कमेटी की जांच कुछ जिलों में नहीं पूरी हुई। वहीं, कुछ जिलों में अन्य औपचारिकता नहीं पूरी की जा सकी। इसकी वजह से अभी तक शिक्षकों को कार्यमुक्त व ज्वाइनिंग नहीं कराई जा सकी है। जबकि तीन जुलाई से विद्यालय खुल गए हैं। इसका असर पठनपाठन पड़ रहा है।
गलत कागजात लगाकर वेटेज लेने वाले शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी की जाएगी। इसके बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गलत कागजात पास करने वालों से भी पूछताछ की जाएगी। शिक्षकों के कागजात जांचकर कार्यमुक्त करने की प्रक्रिया एक-दो दिन में पूरी कर ली जाएगी।
-प्रताप सिंह बघेल, सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद