बाराबंकी। गर्मी की छुट्टी के बाद बीते जुलाई को सरकारी स्कूलों के ताले खुल गए। निर्देश थे कि खुलने से पहले विद्यालयों मेें साफ सफाई करा ली जाए। जलनिकासी के इंतजाम हो। पेयजल व शौचालय की व्यवस्था चाक चौबंद कर ली जाए। लेकिन विद्यालय खुले पांच दिन बाद भी विद्यालयों में गंदगी, जलभराव, मवेशियों का डेरा है। मिड डे मील बनना मुश्किल है। शौचालयों में भीषण गंदगी है। जिले के 2636 विद्यालयों में पढ़ाई का माहौल गुम है। जबकि यहां पर करीब तीन 18 हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। शनिवार को जिले के कुछ विद्यालयों का जायजा लिया गया। पेश है शनिवार को आंखों देखा हाल।
तालाब बना विद्यालय परिसर
दरियाबाद के कंपोटिज विद्यालय इटौरा का परिसर शनिवार को तालाब में तब्दील दिखा। विद्यालय भवन में काई जमी थी। भीषण गंदगी के बीच 160 में से 80 बच्चे आए थे
शौचालयों के पास खड़ा होना मुश्किल
मसौली ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय कपरियनपुरवा के परिसर में जलभराव मिला तो शौचालयों के पास खड़ा होना मुश्किल था। पूरे परिसर में गंदगी की भरमार मिली।
लकड़ी के चूल्हे पर बना मिड-डे मील
बनीकोडर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय किठूरी में पंजीकृत 124 में से मात्र 30 बच्चे मौजूद मिले। धुएं के बीच मिड-डे मील का भोजन लकड़ी के चूल्हे पर बनता मिला।
विद्यालय में कीचड़ व जलभराव से गंदगी
नगर पंचायत रामनगर के केसरीपुर मोहल्ले में कंपोजिट विद्यालय किला में कीचड़ व जलभराव का माहौल मिला। प्रधानाध्यापक शिवकैलाश छुट्टी पर बताए गए।
उगीं झाड़ियां, फैला कूड़ा
देवा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अड़ौरा का परिसर में बड़ी बड़ी झाड़ियां उगी मिली जबकि कूड़ा भी फैला था। यहां साफ तौर पर बच्चों को विषैले जंतुओं का खतरा है।
मिड डे मील बनना ठप, कहा-राशन ही नहीं
त्रिचेदीगंज के प्राथमिक विद्यालय जमनीपुर में मिड-डे मील ठप था। कंपोजिट विद्यालय बहादुरपुर व रामनगर के प्राथमिक विद्यालय काजीपुर भी मिड डे मील नहीं बना। प्रधानाचार्य परवेज अहमद ने बताया कि राशन ही नहीं है। वहीं, बीएसए संतोष देव पांडेय ने बताया कि वे स्वयं निरीक्षण कर रहे हैं। बीईओ को निर्देश दिया जा रहा है। कुछ शिक्षकों को नोटिस जारी की गई है।