लखनऊ
निपुण भारत अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक जिले में दो-दो निपुण भारत सहयोगी रखे जाएंगे। ये जिला स्तर पर चल रहे निपुण भारत अभियान की निगरानी करेंगे और उसे सफल बनाने के लिए रणनीति तैयार करेंगे। किस परिषदीय विद्यालय में क्या कठिनाई आ रही है, उसका पता लगाएंगे और फिर अधिकारियों के साथ मिलकर उसका निवारण करेंगे। स्कूलों में कक्षा तीन तक के विद्यार्थियों को भाषा और गणित में वर्ष 2026 तक दक्ष बनाने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि जिस तरह उद्यमियों की मदद के लिए उद्यमी मित्र और विकासखंडों में पंचायतीराज विभाग द्वारा सीएम फेलोशिप कार्यक्रम की तरह युवाओं को योजनाओं की निगरानी के लिए रखा गया है, उसी तरह निपुण भारत अभियान को सफल बनाने के लिए निपुण भारत सहयोगी की भर्ती की जाएगी। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट (आइआइएम) लखनऊ की मदद से इन मुख्यमंत्री निपुण भारत सहयोगियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ऐसे युवा जो स्नातक (यूजी) हैं और दो वर्ष का कार्य अनुभव है या जो स्नातकोत्तर (पीजी) पास हैं तथा एक वर्ष का कार्य अनुभव है, वे इस पद के लिए आवेदन कर सकेंगे। शर्त यह है कि इन युवाओं ने उन विश्वविद्यालयों से यूजी या पीजी किया हो जिनकी रैंकिंग नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में टाप 100 संस्थानों में हो।
युवाओं की आयु 20 वर्ष से 27 वर्ष तक होनी चाहिए। भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित टेस्ट होगा और फिर साक्षात्कार भी लिया जाएगा। चयनितों को 30 हजार से 40 हजार प्रति माह तक मानदेय व निरीक्षण के लिए चार पहिया वाहन भी उपलब्ध कराया जाएगा।