441स्कूलों में बच्चों का प्रवेश नहीं, शिक्षकों का वेतन रोका
बेसिक शिक्षा परिषद के 441 स्कूलों में नामांकन शून्य रहा है। पोर्टल की रिपोर्ट के आधार पर सभी शिक्षकों का वेतन बाधित किया गया है।
-एआर तिवारी, बीएसए, बहराइच
बहराइच, संवाददाता। फखरपुर ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय ढोंगाही बटुरहा में प्रवेश के लिए बच्चों की होड़ लगी हुई है। इस स्कूल के बच्चे खाली समय में अपने ही गांवों में प्रौढ़ शिक्षा को बढ़ावा भी दे रहे हैं, लेकिन 441 ऐसे बेसिक स्कूल भी हैं, जहां पढ़ाई तो दूर वर्तमान शैक्षिक सत्र में एक से आठ तक की कक्षाओं में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या शून्य हैं। प्रेरणा पोर्टल की सामने आई रिपोर्ट पर इन स्कूलों के शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है।
प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जिलों में बहराइच भी शामिल है। नीति आयोग शैक्षिक उन्नयन को लेकर बेसिक स्कूलों के ढांचागत विकास संग क्रिएटिव शिक्षा पर जोर दे रहा है, ताकि कांवेंट स्कूलों की तरह ग्रामीण इलाकों के बच्चे भी फर्राटेदार अंग्रेजी व गणित विषय पर पकड़ मजबूत कर सकें। नए सत्र में स्कूल चलो अभियान के तहत प्रबंध समितियों की बैठकों हुई। अभिभावकों से गांव-गांव संवाद कार्यक्रम कराए गए। इसके सार्थक परिणाम भी सामने आए हैं, लेकिन 441 ऐसे भी बेसिक स्कूल हैं, जहां एक से आठ तक की कक्षाओं में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या शून्य भी है। इन स्कूलों में अभियान व संवाद कार्यक्रम की कवायद को धक्का लगा है। बेसिक विभाग के प्रेरणा पोर्टल की चार माह की रिपोर्ट शून्य आने पर इन विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षकों का वेतन बाधित किया गया है। विद्यार्थियों के प्रवेश न होने तक वेतन निर्गत न किए जाने के आदेश से लापरवाह शिक्षकों में खलबली मची हुई है।
विशेश्वरगंज ब्लॉक में सर्वाधिक विद्यालय बीएसए की ओर से जारी सूची पर नजर डालें तो शून्य नामांकन वाले सर्वाधिक विद्यालय विशेश्वरगंज ब्लॉक के हैं। यहां 51 विद्यालयों में नए प्रवेश नहीं हुए हैं। सबसे कम नगर क्षेत्र के चार विद्यालय शामिल हैं।
अप्रैल से एक भी नामांकन नहीं जिला समन्वयक राकेश सिंह ने बताया कि इन विद्यालयों में एक अप्रैल से नए बच्चों का प्रवेश होना था। सभी विद्यालयों के प्रधान शिक्षकों को अभिभावकों से संपर्क कर नामांकन कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इन विद्यालयों में एक भी छात्र की ओर से प्रवेश न लेना चिंता का विषय है