नए और पुराने आयोग के बीच साल भर से झूल रही असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती
प्रयागराज । प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 30 जून के बाद बड़ी संख्या में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद खाली हो गए हैं, लेकिन अभ्यर्थियों को इन पदों पर भर्ती के लिए इंतजार करना होगा। अभी तो यह भी तय नहीं है कि पुरानी भर्ती कब पूरी होगी।
अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) के पास है, लेकिन भविष्य में नया शिक्षा सेवा चयन आयोग ही यह भर्ती कराएगा, पर नया आयोग अब तक अस्तित्व में नहीं आ सका है। आयोग हर साल उच्च शिक्षा निदेशालय से असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों का अधियाचन मांगता है और निदेशालय क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों से रिक्त पदों का विवरण लेकर आयोग को अधियाचन भेजता है।
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और
नए आयोग के गठन के बाद ही निदेशालय तैयार करेगा रिक्त पदों का ब्योरा
उच्च शिक्षा निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि यूपीएचईएससी के अध्यक्ष का पद फरवरी 2023 से खाली पड़ा है। वहीं, सदस्यों के भी छह में से चार पद खाली हैं। कोरम पूरा न होने के यूपीएचईएससी ने अब तक रिक्त पदों का अधियाचन नहीं मांगा है और इसी वजह से निदेशालय ने भी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों से असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों का ब्योरा नहीं मांगा, जबकि जून- 2023 में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के बाद सैकड़ों पद खाली हुए हैं।
वहीं, विज्ञापन संख्या – 51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती का भी कोई अतापता नहीं है। इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया अगस्त 2022 में पूरी हो चुकी है, लेकिन यूपीएचईएससी में कोरम पूरा न होने के कारण भर्ती के लिए परीक्षा की तिथि घोषित नहीं की जा सकी है।
आवेदन प्रक्रिया को साल भर पूरे होने वाले हैं और अभ्यर्थी अभी भी नौकरी के लिए भटक रहे हैं।
असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए तकरीबन 1.14 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। अभ्यर्थियों को अब नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन का इंतजार है, ताकि भर्ती प्रक्रिया कारण आगे बढ़ सके। अभ्यर्थियों का कहना है कि जून के बाद कॉलेजों में शिक्षकों के सैकड़ों पद खाली हो चुके हैं और पहले से रिक्त पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया अधूरी पड़ी है।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि पीएचडी और नेट- जेआरएफ करने वालों की संख्या हर साल बढ़ रही है, लेकिन इसके अनुपात में भर्ती की गति बहुत धीमी है। ऐसे में आने वाले दिनों में स्पर्धा के साथ बेरोजगार अभ्यर्थियों की संख्या भी तेजी से बढ़ेगी। समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि नए शिक्षा सेवा आयोग का गठन शीघ्र किया जाए, ताकि उप पड़ी भर्तियां शुरू हो सकें।