अब प्रत्येक परिषदीय स्कूल को दो-दो टैबलेट दिए जाएंगे। इस टैबलेट की मदद से विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ-साथ योजनाओं की बेहतर ढंग से निगरानी हो सकेगी। अभी इन स्कूलों में उपस्थिति, मिड डे मील, पाठ्य-पुस्तक वितरण, पत्र व्यवहार व रखरखाव सहित 14 रजिस्टर डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेंगे। विभिन्न योजनाओं का किन-किन विद्यार्थियों को लाभ मिला, इसका रियल टाइम डाटा उपलब्ध हो सकेगा।
स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि 1.36 लाख परिषदीय स्कूलों को पहले चरण में 2.09 लाख टेबलेट भेजे जा रहे हैं। बाकी टैबलेट दूसरे चरण में स्कूलों में भेजे जाएंगे। स्कूलों के रजिस्टर तो डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेंगे ही बल्कि शिक्षकों को इसके माध्यम से ऑनलाइन पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। सरल एप सहित कई जरूरी एप इस पर मौजूद रहेंगे।
स्कूलों में एक टैबलेट प्रधानाध्यापक और दूसरा टैबलेट वरिष्ठ शिक्षक के पास रहेगा। टैबलेट पर बायोमेट्रिक उपस्थिति की भी व्यवस्था है। यानी किस-किस विद्यार्थी को पाठ्य पुस्तक सहित विभिन्न लाभ मिल रहे हैं, उसका पारदर्शी सत्यापन हो सकेगा।
विद्यार्थियों के आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिसे इससे लिंक किया जाएगा। फिलहाल, शिक्षकों की उपस्थिति के लिए अभी कोई व्यवस्था इस टैबलेट के माध्यम से दर्ज करने की नहीं है। आगे जरूरत के अनुसार फेशियल रिकाग्निशन सिस्टम यानी चेहरे को पहचानकर उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था होगी। फिर विद्यार्थियों के लिए भी बायोमेट्रिक की जगह प्रतिदिन स्कूल में उपस्थिति दर्ज करने के लिए यही व्यवस्था होगी।