अगले साल लोकसभा चुनाव हैं और उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के रिक्त पड़े हजारों पदाें पर भर्तियां अटकी पड़ीं हैं। अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं और सरकार पर चुनाव से पहले भर्ती पूरी कराने का दबाव है। ऐसे में नए शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन जल्द होने के आसार हैं। जुलाई के अंत तक नए आयोग का गठन किया जा सकता है।
प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के 4163 पदों पर भर्ती प्रक्रिया फंसी हुई है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में सदस्यों के सभी दस पद रिक्त हैं और अप्रैल में बोर्ड के अध्यक्ष का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। कोरम पूरा न होने के कारण बोर्ड इस भर्ती की परीक्षा तिथि घोषित नहीं कर पा रहा, जबकि अगस्त-2022 में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इस भर्ती के लिए 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं।
वहीं, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या-51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है। इस भर्ती के लिए भी अगस्त-2022 में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने दावेदारी की है।
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में सदस्यों के छह में से चार पद रिक्त पड़े हैं और अध्यक्ष का कार्यकाल भी फरवरी-2023 में पूरा हो चुका है। कोरम पूरा न होने के कारण आवेदन के 10 माह बाद भी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की परीक्षा तिथि घोषित नहीं की जा सकी है।
वहीं, परिषदीय विद्यालयों में भी वर्ष 2018 बाद कोई शिक्षक भर्ती नहीं हुई है। आगामी चुनाव से पहले यह षदीय विद्यालयों में भी शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया जा सकता है। वहीं, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पास महीनों से एलटी ग्रेड शिक्षक के छह हजार से अधिक पदों का अधियाचन पड़ा है, लेकिन आयोग इस भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं कर रहा है। आने वाले समय में यह भर्ती भी नए शिक्षक सेवा चयन आयोग के जिम्मे होगी।
चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में महीनों से रिक्त पड़े सदस्यों और अध्यक्ष के पदों पर नियुक्ति न किए जाने के पीछे यही कारण माना जा रहा है कि अब नया शिक्षा सेवा चयन आयोग ही लंबित पड़ी शिक्षक भर्तियां पूरी करेगा। शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई भी चल रही है। चर्चा है कि इस माह के अंत में नए आयोग का गठन किया जा सकता है, ताकि चुनाव से पहले लंबित पड़ीं शिक्षक भर्तियां पूरी कराई जा सकें।