लखनऊ : स्मार्ट फोन, कंप्यूटर व टीवी के अत्याधिक प्रयोग से बच्चों की आंखें खराब हो रही हैं। ऐसे में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों (सीएमओ) को निर्देश दिए हैं कि वह स्कूलों में शिविर लगाकर बच्चों के आंखों की जांच करें। ऐसे बच्चे जिन्हें दृष्टि दोष है, उनको निश्शुल्क चश्मा दिया। नेत्र रोग विशेषज्ञ आम लोगों को आंखों को सुरक्षित रखने के उपाय भी बताएं।
ब्रजेश पाठक ने बताया कि राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बीते एक वर्ष में 11.68 लाख लोगों के आंखों की सर्जरी की गई। मोतियाबिंद सहित आंखों के अन्य विकारों से पीड़ित लोगों का निश्शुल्क आपरेशन किया गया। लोगों को मुफ्त चश्मे भी बांटे गए। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय कार्यक्रम की नियमित समीक्षा की जाए और लोगों इसके बारे में जागरुक भी किया जाए। कई अस्पतालों में फेको विधि से मोतियाबिंद का आपरेशन किए जाने की सुविधा है और यह पूरी तरह निश्शुल्क है। यही नहीं रोगियों को मुफ्त दवा भी दी जाती है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मरीजों के आंखों का आपरेशन बेवजह न टाला जाए।
उनकी जांच कर तत्काल आपरेशन के लिए समय दिया जाए। अगर किसी भी डाक्टर ने रोगी को बाहर से दवा लिखी तो सख्त कार्रवाई होगी