कानपुर। पैन किसी का और कटौती किसी की…वह भी तब जब यह आधार से लिंक है। एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों परिषदीय शिक्षकों के साथ ऐसा हुआ है। मामला तब खुला जब शिक्षकों के हाथों में फॉर्म-16 आया। इन पर लेखाधिकारी की मुहर संग हस्ताक्षर भी हैं। 31 जुलाई आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि है, अब मुसीबत यह है कि ये रिटर्न ही नहीं भर पा रहे। वह भी रिटर्न नहीं भर पा रहे हैं जिन्हें फॉर्म 16 नहीं मिल पाया।
बेसिक शिक्षकों के वेतन से हर माह टीडीएस कटौती होती है। इसकी सूचना उन्हें नहीं दी जाती है। कटौती पैन के आधार पर की जाती है। जब फॉर्म्र-16 जारी करना शुरू हुए तो बड़ी संख्या में शिक्षकों ने शिकायतें दर्ज करानी शुरू कर दीं। फॉर्म-16 में बड़ी संख्या में ऐसे भी शिक्षक हैं जिनका परमानेंट अकाउंट नंबर ही गलत लिखा है। शिक्षकों का यह विवरण ब्लॉक स्तर से तैयार होता है जहां गंभीर त्रुटियां सामने आई हैं।
उच्च प्राथमिक विद्यालय स्योंदी घाटमपुर के शिक्षक अनूप बाजपेई के वेतन से हर माह टीडीएस काटा गया पर ऑनलाइन में शून्य प्रदर्शित हो रहा है। कमल किशोर, दीप्ति द्विवेदी और नेहा सक्सेना के पैन कुछ हैं लेकिन जो फॉर्म 16 मिला है उसमें नंबर गलत लिखा है। ऐसे में इनकी न तो कटौती स्पष्ट है और न ही रिटर्न दाखिल कर पा रहे हैं। अनूप की भी कटौती तो हो गई लेकिन ऑनलाइन दिख नहीं रही है। जिनके पैन सही हैं उनमें स्पष्ट हो पा रहा है कि कटौती ज्यादा हुई है या कम।
लेखाधिकारी कार्यालय में नहीं बैठते सीए
उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने लेखाधिकारी को जो सूचना उपलब्ध कराई है उसके अनुसार शिक्षकों के वेतन से हर महीने धनराशि की ऑनलाइन कटौती की जाती है लेकिन प्रदर्शित होती। विभाग के स्तर से नामित सीए लेखाधिकारी कार्यालय में बैठते ही नहीं हैं। इससे शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। संगठन के अनुसार एक सीए के पास 55 जनपदों का कार्य है। संगठन ने मांग रखी कि कानपुर के लिए अलग सीए की नियुक्ति की जाए। संघ का दावा है कि लेखा कार्यालय का नंबर 9368143641 आयकर की त्रुटियों को दूर करने के लिए शिक्षक प्रतिनिधियों एवं शिक्षकों को नोट करा दिया जाता है। हिन्दुस्तान ने पड़ताल की तो यहां फोन ही नहीं उठा।