किसान ने पत्नी को पढ़ाया लिखाया, सरकारी नौकरी लगते ही ग्राम प्रधान को दिल दे बैठी 2 बच्चों की मां, पति को छोड़ा…
साल 2017 में नर्मदा ने अपने पति के ही आसरे स्नातक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद साल 2018 में नर्मदा की बतौर आशा बहू सरकारी नौकरी लग गई. पीड़ित कांशीराम बताते हैं कि सरकारी नौकरी लगते ही उनकी पत्नी नर्मदा का रवैया बदलने लगा. उन्होंने जब इसकी वजह तलाशी तो पता चला कि नर्मदा का गांव के ही प्रधान शैलेंद्र सिंह के साथ अवैध संबंध हैं.
यूपी के हमीरपुर से ज्योति मौर्य जैसा मामले सामने आया है. जनपद के राठ कोतवाली अंतर्गत बहगांव इलाके में एक और महिला ने सरकारी नौकरी लग जाने के बाद अपने पति को छोड़ दिया. पीड़ित कालीचरण पेशे से एक किसान हैं जिनकी शादी साल 2008 में गांव की ही नर्मदा सिंह से हुई थी. दोनों की दो बेटियां भी हैं. साल 2014 में कालीचरण ने कड़ी मेहनत करके अपनी पत्नी नर्मदा को बारहवीं तक पढ़ाया.
बाद में साल 2017 में नर्मदा ने अपने पति के ही आसरे स्नातक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद साल 2018 में नर्मदा की बतौर आशा बहू सरकारी नौकरी लग गई. पीड़ित कालीचरण बताते हैं कि सरकारी नौकरी लगते ही उनकी पत्नी नर्मदा का रवैया बदलने लगा. उन्होंने जब इसकी वजह तलाशी तो पता चला कि नर्मदा का गांव के ही प्रधान शैलेंद्र सिंह के साथ अवैध संबंध हैं. कालीचरण ने जब इस अनैतिक रिश्ते का विरोध किया तो नर्मदा के आशिक ग्राम प्रधान ने उन्हें जान से मारने की धमकी देना शुरु कर दिया.
पीड़ित ने नर्मदा-शैलेंद्र के अवैध संबंधों से जुड़ी कई आपत्तिजनक तस्वीरें भी बतौर सबूत रखे हुए हैं. साथ ही उनका कहना है कि दबंगई के बल पर शैलेंद्र ने पीड़ित पति से न्यायलय के तलाकनामें पर हस्ताक्षर करा लिए. पीड़ित का आरोप है कि नर्मदा का आशिक शैलेंद्र उन्हें आए दिन जान से मारने की धमकियां देता है और फर्जी मुकदमे में फंसाने की बात भी कहता है. पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान और नर्मदा मिलकर गैर-कानूनी रूप से एबोर्शन सेंटर भी चलाते हैं.
उन्होंने बताया कि आशा बहू नर्मदा अब अपने उनको छोड़कर ग्राम प्रधान शैलेंद्र सिंह के साथ रह रही है. पी ने इस संबंध में राठ कोतवाली में अपनी तहरीर दी है. उन्होंनें पुलिस से आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई मांग की है. साथ ही इस मामले में न्याय की आस लिए दर- दर भटक रहे हैं.