वाराणसी, जिले के 129 स्कूलों में कार्यरत 400 से ज्यादा प्रधानाध्यापक, शिक्षक-शिक्षिकाएं और शिक्षामित्रों के वेतन पर तलवार लटकी है। विद्यार्थियों के आधार सत्यापन (वेरिफिकेशन) में ढिलाई पर बीएसए ने सभी का जुलाई का वेतन रोकने का आदेश दिया। शिक्षकों को एक सप्ताह दिया गया है। इस अवधि में सत्यापन पूरा करने पर वेतन बहाल किया जाएगा।
डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजना के तहत स्कूली बच्चों को जूता-मोजा, यूनिफॉर्म, स्वेटर स्कूल बैग और स्टेशनरी के लिए 1200 रुपये की राशि हर साल विद्यार्थियों के बैंक खातों में दी जाती है। जिले में इस साल पंजीकृत 2.10 लाख विद्यार्थियों में 1.96 लाख का ही आधार सत्यापन अब तक हो सका है। बीएसए डॉ. अरविंद कुमार पाठक ने बताया कि जिले के 129 स्कूलों में 10 या इससे ज्यादा बच्चों का आधार कार्ड का सत्यापन नहीं हुआ है। कई बच्चे ऐसे भी हैं जिनके आधार कार्ड नहीं बनवाए गए हैं। जबकि सभी बीआरसी पर आधार कार्ड बनाने के लिए दो-दो मशीनें लगाई गई हैं।
बीएसए ने बताया कि इस ढिलाई की वजह से डीबीटी की धनराशि खातों में भेजने में असुविधा होगी। कई चेतावनियों के बाद भी सत्यापन पूरा न किए जाने पर 400 से ज्यादा शिक्षकों का जुलाई का वेतन रोकने का आदेश दिया गया है। बीएसए ने कहा कि इस संबंध में वित्त एवं लेखाधिकारी को भी निर्देश दिया गया है। एक सप्ताह में वेरिफिकेशन पूरा करा लेने वाले शिक्षकों का वेतन जारी करने का आदेश दिया जाएगा।
उदासीनता से होगी परेशानी
● डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना के लिए आधार सत्यापन जरूरी
● सरकार देती है बच्चों को जूता-मोजा व यूनिफॉर्म के लिए धन