महराजगंज, । महराजगंज के पुराने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों का अब रूप-रंग बदल जाएगा। इन विद्यालयों का प्रोजेक्ट अलंकार योजना के तहत जीर्णोद्धार, मरम्मत, पुननिर्माण, निर्माण, अवस्थापना सुविधाओं का विकास आदि कार्य कराया जाएगा।
इससे जिले के 39 माध्यमिक विद्यालयों को लाभ मिल सकता है। विद्यालय विकास के लिए पहले विद्यालय प्रबंधन को 25 प्रतिशत धनराशि खुद लगानी होगी। इसके बाद 75 प्रतिशत धनराशि सरकार देगी। इसमें छात्र संख्या के आधार पर 25 लाख रुपये से लेकर सवा करोड़ रुपये तक खर्च किया जाएगा। शासन के इस फरमान पर डीआईओएस अमरनाथ राय ने प्रधानाचार्यों के साथ बैठक कर प्रस्ताव मांगा है। प्रोजेक्ट अलंकार योजना का लाभ केवल अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को ही मिलेगा। इसमें ऐसे विद्यालय जो मान्यता तिथि से एक अप्रैल 2023 को 75 वर्ष पूरे कर लिए और उसका भवन जर्जर अवस्था में हों, उनको लाभान्वित किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में जिला स्तरीय समिति की संस्तुति पर शिक्षा निदेशक माध्यमिक के अनुमोदन के बाद 75 वर्ष से कम अवधि वाले जर्जर विद्यालयों को शामिल किया जाएगा। जिले में 39 एडेड माध्यमिक विद्यालय हैं, जो मानक व शर्तें पूरा करेंगे।
उनको ही इस योजना का लाभ मिलेगा। अभी विभाग जर्जर विद्यालयों की संख्या व स्थल का पता लगा रहा है। लेकिन माना जा रहा है कि पुराने जर्जर विद्यालयों की संख्या जिले में बहुत कम है।
जनपद स्तरीय कमेटी करेगी जांच
विद्यालयों के जर्जर अवस्था और उसके प्रस्ताव को तैयार कराने के साथ की जांच पड़ताल जनपद स्तरीय करेगी। इसमें डीएम अध्यक्ष, सीडीओ उपाध्यक्ष, एक्सईएन पीडब्डलूडी सदस्य, डीआईओएस सदस्य सचिव व वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा सदस्य हैं। यह समिति जनपद स्तरीय टास्क फोर्स का भी गठन करेगी।
अन्य विद्यालयों में भी बढ़ेगी सुविधा, शिक्षकों की दूर होगी कमी
महराजगंज। एडेड माध्यमिक विद्यालयों के अलावा अन्य राजकीय माध्यमिक विद्यालय भी संसाधनों से लैश हो जाएंगे। इन विद्यालयों पर शिक्षकों की भर्ती होने के साथ संसाधन भी बढ़ाए जाएंगे।
जिले में 39 एडेड विद्यालय हैं, जहां करीब 14 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। 2020-21 में इन विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती होने से शिक्षकों की कमी कम रह गई है। एडेड विद्यालयों में दो से तीन शिक्षकों की कमी है। वहीं राजकीय विद्यालय 29 हैं। जहां करीब 11 हजार विद्यार्थी पंजीकृत हैं। शहर के जीएसवीएस इंटर कालेज भी 75वर्ष पुराना है। प्रधानाचार्य विजय बहादुर सिंह ने बताया कि विद्यालय तो पुराना है। कई हिस्से जर्जर हैं। लेकिन विद्यालयों के पास इतनी पूंजी कहां रहती है कि वह पहले खुद से लगाएं। फरेंदा संवाद के अनुसार फरेंदा कस्बा के सेठ आनंदराम जयपुरिया इंटर कालेज की स्थापना 1948 में हुई थी।
इस विद्यालय का भी कुछ हिस्सा पुराना है। जिसके जीर्णोद्धार की जरूरत है। वहीं राजकीय बालिका विद्यालयों में तो शिक्षकों का अकाल है। इन विद्यालयों पर शिक्षकों की भर्ती के अलावा अन्य संसाधन भी बढ़ाए जाएंगे। मान्यता प्राप्त विद्यालयों की संख्या 186 है।
इस संबंध में डीआईओएस अमरनाथ राय ने कहा कि प्रोजेक्ट अलंकार योजना के तहत विद्यालयों के कायाकल्प के लिए विद्यालयों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। जिला स्तरीय समिति द्वारा जांच पड़ताल व परीक्षण के बाद अनुदान के लिए आगे की प्रक्रिया की जाएगी।
जर्जर माध्यमिक विद्यालयों की बदलेगी सूरत
जीएसवीएस इंटर कालेज महराजगंज।
छात्र संख्या के आधार पर मिलेगी राशि
इसमें 300 से 500 की छात्र संख्या पर 25 लाख रुपये, 501 से 1000 की संख्या पर 50 लाख रुपये, 1001 से 1500 की छात्र संख्या पर 75 हजार रुपये, 1501 से 2000 की छात्र संख्या पर एक करोड़ रुपये, 2100 से अधिक की छात्र संख्या पर सवा करोड़ रुपये अनुदान राशि मिलेगी।
तीन किस्त में मिलेगी धनराशि
शासन और विद्यालय के बीच सहयोगी अनुदान राशि का अनुपात 7525 का होगा। इसके लिए अलग से बैंक खाता खोला जाएगा। इसमें 25 प्रतिशत धनराशि को विद्यालय द्वारा इसी खाता में जमा किया जाएगा। उसके बाद तीन किस्तों में शासन द्वारा 75 प्रतिशत धनराशि इसी खाते में भेजा जाएगा।