पढ़ाई-लिखाई वाले विभाग के एक अधिकारी आजकल काफी चर्चा में हैं। चर्चा में रहें भी क्यों न, आलम यह है कि उनके स्तर पर चल रहे विभागीय कामों की की गाड़ी पटरी से उतरी हुई है। इसके बाद भी न तो आला अफसर न ही मातहत उनसे कुछ कहने की जहमत उठाते हैं। विभागीय कर्मचारी कहते हैं कि हमारे साहब तो सुपर पावर हैं। उनके कामों में किसी का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। क्योंकि साहब तो सीधे पावर सेंटर के करीबी हैं।
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