- नए आयोग का विधेयक मानसून सत्र में किया गया पेश
- आयोग में अध्यक्ष के साथ 12 सदस्य भी होंगे नियुक्त
राब्यू, लखनऊ: उत्तर शिक्षा सेवा चयन आयोग बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों व अनुदेशकों की भर्ती के साथ उप्र अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का भी आयोजन करेगा। टीईटी पास करने के बाद ही अभ्यर्थी परिषदीय स्कूलों में शिक्षक पद पर भर्ती के अर्ह माना जाता है। अभी तक टीईटी कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज के पास है। सोमवार से शुरू हुए विधानमंडल के मानसून सत्र में उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक, 2023 को पेश किया गया।
आयोग में अध्यक्ष और 12 सदस्य होंगे। अध्यक्ष के पद पर किसी भी विश्वविद्यालय के वर्तमान व पूर्व कुलपति तथा आइएएस अधिकारी जो प्रमुख सचिव पद पर सेवारत हो या रिटायर हुआ हो। किसी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के पद पर 10 वर्षों से कार्यरत हो या फिर इतने वर्षों का उसे अनुभव हो, नियुक्त किया जाएगा। 12 सदस्यों में
से छह सदस्य शिक्षाविद होंगे। इसके अलावा ऐसे आइएएस अधिकारी, जिन्होंने राज्य सरकार के अधीन सचिव के पद व इसके समकक्ष पद पर कार्य किया हो। बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक स्तर तक के अधिकारी और व्यावसायिक शिक्षा विभाग में अपर निदेशक स्तर तक के सेवारत व रिटायर अधिकारियों को मौका दिया जाएगा। वहीं, एक सदस्य न्यायिक सेवा से जिला न्यायाधीश स्तर से संबंधित रहा हो और जिसकी सेवाएं उत्कृष्ट रहीं हों, उनको सदस्य बनाया जाएगा।
अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष या फिर 65 वर्ष तक की आयु सीमा तक ही होगा। दो बार से अधिक वह अध्यक्ष व सदस्य नहीं बनाया जाएगा।