निधि लेखा परीक्षा के ऑडिट में प्रदेश में इंटर कालेज संस्थानों में 45.03 करोड़ की वित्तीय अनियमितता पकड़ी गई है। सबसे बड़ी गड़बड़ी उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की सामने आई है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2016-17 में बोर्ड के अध्यक्षों को परीक्षा सम्बन्धित गोपनीय कार्यों के लिए दिये गये अग्रिम धनराशि 6 करोड़ 45 लाख का समायोजन लेखा प्रस्तुत नहीं किया गया।इसी प्रकार से चयन बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्यों को विभिन्न भत्तों के रूप में 16 लाख 88 हजार रुपये का भुगतान बिना शासन की अनुमति या शासनादेश के बिना किया गया।
वहीं चयन बोर्ड के अध्यक्ष एच एल गुप्ता के वेतन से पेंशन की अधिक कटौती का अवशेष 3 लाख 7 हजार का बिना पुष्टि किये भुगतान किया गया जबकि संविदा पर नियुक्त विशेष कार्याधिकारी राम कृपाल शर्मा के अनियमित नियुक्ति के कारण 6 लाख 20 हजार रुपये का भुगतान किया गया।इसी प्रकार से माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के वार्षिक लेखा बन्दी में बैंक के बैलेंसशीट से कम होने पर बैंक समाधान विवरण नहीं बनाए जाने के कारण 33 करोड़ 64 लाख 17 हजार रुपये का अन्तर पाया गया। वहीं बोर्ड द्वारा बीना परीक्षा तिथि घोषित किये 12 जिलों में ऑनलाइन परीक्षा के लिए एनआईसी को एक करोड़ का भुगतान कर दिया गया जबकि शासन की अनुमति के एबीएसएम सिक्यूरिटी एण्ड आउट सोर्सिंग सर्विस नामक एजेन्सी से बड़ी संख्या में संविदा पर नितुक्त के कारण 34 लाख 97 हजार रुपये का अनियमित एवं अमान्य भुगतान किया गया।