योगी सरकार ने डिप्लोमा के साथ-साथ सभी विधाओं के स्नातक डिग्रीधारकों को भी कौशल विकास के माध्यम से रोजगार से जोड़ने के लिए बड़ी पहल की है। कैबिनेट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा) का विस्तार करते हुए इसमें सभी ग्रेजुएट युवाओं को भी जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। साथ ही इसमें मानदेय (स्टाइपेंड) की राशि बढ़ाकर प्रतिमाह नौ हजार रुपये कर दी गई है। इसमें राज्य सरकार की ओर से निजी क्षेत्र को एक हजार रुपये की प्रतिपूर्ति की जाएगी, जबकि शेष राशि केंद्र सरकार एवं निजी क्षेत्र द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये प्रावधान कर रखा है। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश के डिप्लोमा एवं सभी विधाओं में स्नातक युवाओं को नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (एनएटीएस) का लाभ दिलाने के लिए निजी संस्थानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह योजना लागू की जा रही है। इस वर्ष 10 लाख युवा इस योजना से लाभान्वित हो सकते हैं।
वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत स्नातक प्रशिक्षुओं को मानदेय के रूप में नौ हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इसमें केंद्र सरकार का 50 प्रतिशत हिस्सा रहेगा, यानी 4500 रुपये केंद्र सरकार देगी, जबकि 3500 रुपये वे निजी संस्थान देंगे जिनके यहां यह अप्रेंटिस कराई जाएगी। शेष एक हजार रुपये राज्य सरकार की ओर से दिए जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से यह अतिरिक्त आर्थिक सहायता दिए जाने से निजी संस्थान बड़ी संख्या में युवाओं को अप्रेंटिसशिप कराने के लिए प्रेरित होंगे। इसके जरिए युवाओं को एक वर्ष का रोजगार प्राप्त होगा, जबकि निजी व शासकीय संस्थानों को कुशल कार्मिक मिलेंगे।