हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को 31 अक्तूबर तक गाइडलाइन जारी करने का दिया निर्देश
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यूपी के अधिकारी अपनी सनक और मनमर्जी से गुंडा एक्ट की असाधारण शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। वे एक मुकदमे या कुछ बीट रिपोर्ट पर ही नोटिस जारी कर रहे हैं। यह निवारक अधिनियम को कुंद बनाने जैसा है। कोर्ट ने यूपी सरकार को 31 अक्तूबर तक एक गाइडलाइन जारी करने का निर्देश दिया है, ताकि गुंडा एक्ट की कार्रवाई में एकरूपता आ
सके। कोर्ट ने अलीगढ़ के एडीएम
हाईकोर्ट ने कहा, निवारक अधिनियम को कुंद बनाने जैसा है एक केस में नोटिस थमाना
वित्त एवं राजस्व की ओर से 15 जून-23 को जारी कारण बताओ नोटिस भी रद्द कर दिया है।
न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी और न्यायमूर्ति मोहम्मद अजहर हुसैन
ठोस आधार हो तभी कार्रवाई करें
कोर्ट ने अधिकारियों से यह उम्मीद भी जताई कि गुंडा एक्ट की कार्रवाई से पहले जनता के बीच आरोपी की छवि, सामाजिक व पारिवारिक पृष्ठभूमि भी बताएंगे। इसके बाद निर्धारित प्रोफार्मा के बजाय आदेश पारित करेंगे। कोर्ट ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों और उनके अधीनस्थ कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उसी के खिलाफ कार्रवाई करें, जिसके विरुद्ध ठोस आधार हो कि वह समाज के लिए खतरा हो और उसका निष्कासन जरूरी हो।
इदरीसी की खंडपीठ ने बुधवार को अलीगढ़ के गोवर्धन की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि इस गाइडलाइन का अधिकारियों द्वारा गंभीरता से पालन किया जाए, ताकि इसके अनुपालन में
एकरूपता रहे। कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भी निर्देश दिया है कि वह आदेश की कॉपी प्रदेश के सभी कार्यकारी अधिकारियों को भेजकर प्रसारित कराएं, जिससे आदेश का सख्ती से अनुपालन हो सके। >> संयम बरतें मजिस्ट्रेट पेज 11