भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में रक्षा बांधने का विधान है, भले ही वह रात्रिकाल में ही क्यों नही। काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के ज्योतिष विभाग से प्रकाशित विश्वपंचांग की गणनानुसार, गुरुवार, 31 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सूर्योदय से छह घटी नौ पल है । अतः दिनभर रक्षाबंधन का मुहूर्त है। यजुर्वेदीय माध्यंदिनी वाजसनेयी शाखा वालों का 30 को श्रावणी उपाकर्म तथा यजुर्वेदीय तैत्तिरीय शाखा एवं उदय काल की पूर्णिमा में विहित अन्य सभी शाखावलंबियों के लिए 31 को श्रावणी उपाकर्म का शुभमुहूर्त रहेगा। सर्वमान्य रक्षाबंधन का समय 30 अगस्त की रात्रि नौ बजे के बाद अर्थात भद्रा के पश्चात रात्रिकाल में तथा 31 को संपूर्ण दिनरक्षा (राखी) बांधना उत्तम रहेगा।
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