निजी स्कूलों के खराब रवैये के चलते 102 ने नहीं लिया दाखिला
गोंडा। जिले में आरटीई के तहत पंजीकृत 712 विद्यालयों में सिर्फ 1082 बच्चों को प्रवेश मिला है। निजी विद्यालयों के खराब रवैये की आशंका के चलते चयनित होने के बाद अब तक 102 बच्चों ने प्रवेश नहीं लिया है। अब चौथी लॉटरी में 155 बच्चों का एक बार फिर चयन किया गया है।
आरटीई के तहत गरीब बच्चों को निजी विद्यालयों की 25 फीसदी सीटों पर प्रवेश दिलाने की कवायद चल रही है। विभागीय जानकारों ने बताया कि जिले में 712 निजी विद्यालय आरटीई के तहत पंजीकृत हैं। सरकार की ओर से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत इनकी 25 फीसदी सीटों पर गरीब बच्चों को पहली या प्री प्राइमरी कक्षा में प्रवेश दिलाने का प्रावधान है। इस अधिनियम के तहत गरीब बच्चे निशुल्क प्रवेश पाने के साथ ही सरकार के अनुदान के हकदार होते हैं। कॉपी-किताब से लेकर यूनीफॉर्म व फीस की व्यवस्था सरकारी स्तर
इस सत्र में 1330 बच्चों का हुआ था चयन, चौथी लॉटरी के तहत दिए जा रहे प्रवेश
712 निजी विद्यालय आरटीई के तहत पंजीकृत
फीस, कॉपी-किताब खरीदारी में मनमानी
अभिभावकों का आरोप है कि अधिकारियों के लचर रवैये से निजी स्कूल संचालक एक ही कक्षा की अलग-अलग फीस तय कर मनमाना वसूल रहे हैं। संचालक निर्धारित दुकानों से पुस्तकें खरीदने का दबाव बनाते हैं।
पर की जाती है। बावजूद इसके जिले में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 1330 बच्चों का आरटीई के तहत चयन किया गया है। इसमें से 1082 बच्चों को प्रवेश दिलाया जा
चौथे चरण के बच्चों को दिलाया जा रहा प्रवेश
चौथी लॉटरी के तहत आरटीई के बच्चों को खंड शिक्षाधिकारियों की 66 मदद से निजी विद्यालयों में प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया चल रही है। जबकि तीन चरणों में अबतक 1082 बच्चों को प्रवेश दिलाया जा चुका है। जल्द ही 155 चयनित बच्चों को निजी विद्यालयों में प्रवेश की प्राक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
-प्रेमचंद यादव, बीएसए । –
चुका है। जबकि 102 बच्चों ने निजी विद्यालयों की संचालकों की खराब रवैये के चलते प्रवेश नहीं लिया है। चौथी लॉटरी में 155 बच्चों का चयन किया गया है।