बैंक और अभिभावकों की उदासीनता बच्चों पर पड़ी भारी
ज्ञानपुर। बैंक और अभिभावकों की लापरवाही से जिले के 26 हजार बच्चों की डीबीटी फंस गई है। पहले चरण में एक लाख 55 हजार बच्चों में सिर्फ एक लाख 29 हजार का यूनिफार्म, बैग का 1200-1200 रुपये पहुंच सका है। बेसिक शिक्षा विभाग ने जल्द ही बच्चों के आधार को सीडिंग कराने का निर्देश दिया।
जिले के 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय में एक लाख 55 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को सरकार दो जोड़ी यूनिफार्म, एक हो सकी। स्वेटर, एक जूता, दो जोड़ी मोजे और एक बैग प्रदान करती है। 2020 से पूर्व यह राशि विद्यालय प्रबंध समिति खाते में भेजी जाती थी जिससे
1.29 लाख बच्चों के खाते में पहुंची डीबीटी की धनराशि
वह संस्थाओं के माध्यम से यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा का वितरण कराती थी लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण 2020, 2021 में सीधे अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से रकम भेजी जा रही है। इस साल बच्चों को समय से पैसा मिल जाए, इसलिए अप्रैल में ही आधार सीडिंग, सत्यापन सहित अन्य कार्य पूर्ण कराने की कवायद शुरू की गई, लेकिन बैंकों की लापरवाही से 26 हजार बच्चों की आधार सीडिंग नहीं रहे। संवाद
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि 15 हजार बच्चों के आधार की सीडिंग नहीं हो सकी, जबकि 11 हजार के
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में लाएं सुधार: बीएसए
ज्ञानपुर। जोरई स्थित बीएसए कार्यालय में सोमवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह की अध्यक्षता में खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बेहतर करने, आपरेशन कायाकल्प के कार्या में प्रगति और नामांकन में तेजी लाने का निर्देश दिया। कहा कि बच्चों की उपस्थिति ठीक न होने पर शिक्षकों का वेतन रोका जाएगा। इस मौके पर आशरीष मिश्र, यशवंत सिंह आदि
करीब आधार अपलोड नहीं हुए। पहली बार प्रवेश लेने वाले अधिकतर बच्चों का आधार, अभिभावकों का आधार सत्यापित नहीं हो सका