लखनऊ : बेसिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय (एक जिले से दूसरे जिले में) तबादलों के बाद अब उनको स्कूल आवंटन के बारे में निर्देश जारी कर दिए गए हैं तैनाती प्रक्रिया और काउंसलिंग शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार सबसे पहले दिव्यांग शिक्षिकाओं को स्कूल चुनने का मौका मिलेगा। सबसे अंत में सामान्य पुरुषों को स्कूल चुनने का मौका दिया जाएगा।
ये है काउंसलिंग शेड्यूल : सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी आदेशों के अनुसार सभी मंडलों के शिक्षकों और विद्यालयों की लिस्ट का परीक्षण करके 10 से 14 अगस्त तक अपडेट करने के लिए कहा गया है। सभी मंडलों के प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक शिक्षक व प्रधानाध्यापकों की काउंसलिंग 16 अगस्त को होगी। वहीं वस्ती, झांसी, चित्रकूट, अयोध्या, देवीपाटन, मुरादाबाद, कानपुर, आजमगढ़, सहारनपुर मंडल के प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की काउंसलिंग 17 अगस्त को और मेरठ, आगरा, अलीगढ़, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी, मीरजापुर, लखनऊ, गोरखपुर मंडल के सहायक अध्यापकों की काउंसलिंग 18 को होगी। अध्यापकों को आवंटित स्कूलों में 19 अगस्त को कार्यभार ग्रहण करना होगा।
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एकल विद्यालयों को शिक्षक मुहैया करवाने की भी है। सामान्य तौर पर दूर-दराज के कई विद्यालयों में कोई शिक्षक जाना नहीं चाहता। इस वजह से दूर-दराज के विद्यालयों में हमेशा शिक्षकों की कमी रहती है। चूंकि अंतरजनपदीय तबादलों में शिक्षकों की प्राथमिकता अपने नजदीकी
क्या होगी प्रक्रिया
स्कूल आवंटित करने के लिए शिक्षकों को प्राप्त गुणांक के आधार अवरोही (घटते क्रम में लिस्ट तैयार की जाएगी। दिव्यांग महिला, दिव्यांग पुरुष, महिला, पुरुष अध्यापकों की ये लिस्ट अलग-अलग तैयार की जाएगी। सबसे पहले गुणांक के आधार पर दिव्यांग महिला को मौका दिया जाएगा। उसके बाद दिव्यांग पुरुष, महिला और फिर पुरुष को स्कूल चयन का मौका दिया जाएगा। इसी तरह विद्यालय विहीन, एकल शिक्षक, दो शिक्षक और दो से ज्यादा शिक्षक वाले विद्यालयों की सूची छात्र संख्या के आधार पर तैयार की जाएगी।
तैनाती प्रक्रिया के क्या होंगे फायदे?
अंतरजनपदीय तबादलों जिले में आने की रहती है। ऐसे में जिले में आने पर दूर-दराज के स्कूल में भी भेजे जाएंगे तो वे जॉइन कर लेंगे। किसको दूर-दराज भेजा जाएगा और किसको नजदीक, इसके लिए भी मेरिट को प्राथमिकता दी गई है। दिव्यांगों और महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। इसी के साथ छात्र शिक्षक अनुपात को भी ध्यान में रखा गया है। इससे आरटीई के नियमों के साथ भी सामंजस्य हो सकेगा