सुल्तानपुर। तथ्य छुपाकर मृतक आश्रित के रूप में नौकरी हासिल करने वाले सहायक अध्यापक को 19 साल बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। बीएसए ने बर्खास्त शिक्षक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने और 19 वर्षों में वेतन आदि के रूप में प्राप्त धनराशि को वसूल करने का निर्देश दिया है।
भया विकास क्षेत्र के जुड़ारा गांव निवासी संजय कुमार सिंह ने अपनी मां सहायक अध्यापिका कलावती देवी के निधन के बाद वर्ष 2004 में मृतक आश्रित के तौर पर नौकरी हासिल की थी। उस समय संजय ने पिता का व्यवसाय कृषि दिखाया था। जबकि पिता भी प्राथमिक विद्यालय में सेवारत थे।
जुड़ारा गांव निवासी इंद्रराज सिंह ने मुख्यमंत्री के यहां शिकायती पत्र देकर फर्जी नियुक्ति की जांच कराने की मांग की थी। मामले में बीएसए की ओर से जांच समिति बनाई गई थी। जांच में यह तथ्य सामने कहा है।
वेतन की होगी वसूली, भदैया विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय असवा धनीपुर में थी तैनाती
आया कि संजय के पिता जगदंबा प्रसाद सिंह 2004 में प्राथमिक विद्यालय असवा धनीपुर में तैनात थे। वे वर्ष 2007 में रिटायर हुए।
जांच में मिले तथ्यों के आधार पर संजय सिंह को नोटिस जारी कर उनको अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया। उसने पिता की सरकारी नौकरी के संबंध में स्पष्ट जबाब न देते हुए बीएसए को गुमराह करने का प्रयास किया। बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर सहायक अध्यापक संजय कुमार सिंह को नियुक्ति तिथि से चर्खास्त करने का आदेश जारी किया है।
उसके द्वारा नियुक्ति तिथि से वेतन आदि के रूप में अर्जित की गई धनराशि की वसूली का निर्देश दिया है। साथ ही भदैया खंड शिक्षा अधिकारी को संबंधित थाने में सुसंगत धाराओं में