लखनऊ। प्रदेश की 57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में कार्यरत एक लाख 8 हजार से अधिक सफाई कर्मियों की भी अब ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करनी होगी।
विभाग के संज्ञान में आया है कि पंचायतों में सफाई कर्मी उपस्थित नहीं रहते हैं। इससे गांवों में साफ- सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं रहती है। वर्तमान में सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति ग्राम प्रधान की ओर से प्रमाणित की जाती है। उसके बाद शासन से उनका वेतन जिलों को हस्तांतरित किया जाता है। पंचायतीराज विभाग ने गांवों में साफ-सफाई व्यवस्था को ठीक करने और सामुदायिक शौचालय के रखरखाव की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सफाई कर्मियों की उपस्थिति ऑनलाइन करने का शासनादेश जारी किया है।
उधर, उप्र पंचायतीराज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ ने विभाग के इस निर्णय का विरोध किया है। संघ के पूर्व महामंत्री राजेंद्र कुमार का कहना है कि सफाई कर्मी साक्षर भी नहीं हैं और उनके पास स्मार्ट फोन भी नहीं हैं। उनका कहना है कि सफाई कर्मी वहीं अनुपस्थित मिलते हैं जिन्हें दूसरी जगह काम पर संबद्ध किया गया है। शेष सफाई कर्मी अपने काम पर तैनात रहते हैं।