कस्तूरबा विद्यालय में प्रवेश शून्य, शिक्षिकाएं कम
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कक्षों का फिलहाल निर्माण चल रहा है।
कस्तूरबा विद्यालय में प्रवेश शून्य, शिक्षिकाएं कम
मेजा, हिन्दुस्तान संवाद। कस्तूरबा आवासीय विद्यालय मेजा को शासन ने उच्चीकृत कर दिया, लेकिन कक्षा नौ में प्रवेश नहीं हो सका। तीन दिन पूर्व बेसिक शिक्षाधिकारी प्रयागराज प्रवीण कुमार आवासीय विद्यालय पहुंच उच्चीकृत विद्यालय का अवलोकन कर वार्डेन सीतांज्जलि गुप्ता से विभिन्न विन्दुओं पर जानकारी ली थी, जिसमें मौके पर मौजूद रही शिक्षिका अल्पना ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को बताया था कि विद्यालय में शिक्षिकाओं की भारी कमी है।
विज्ञान व गणित की शिक्षिकाओं के पद खाली हैं। कुल आठ शिक्षकाओं के पदों के सापेक्ष चार पदों पर तैनाती है, जबकि चार पद खाली हैं। बताया कि आवासीय विद्यालय तक पहुंचने का रास्ता ठीक नहीं है, बरसात के दिनों में कीचड़ से सने रास्ते से शिक्षिकाएं आवागमन करती हैं, किसी भी सामान का विद्यालय तक लाने ले जाने में वाहनों को दिक्कते होती हैं। समस्याओं को सुनने के बाद बी एस ए ने खाली पड़े शिक्षकों के चार पदों की जगह तीन शिक्षिकाओं को मेजा के विभिन्न विद्यालयों से कस्तूरबा में अटैच कर दिया। अन्य समस्याओं के समाधान हेतु जल्द विचार करने को कह रखा है। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मेजा को उच्चीकृत करते हुए शासन ने धन स्वीकृत कर आवासीय विद्यालय का रूप तो दे दिया, विज्ञान वर्ग की मान्यता प्रदान कर कक्षा 9 में प्रवेश का आदेश निर्गत कर दिया, लेकिन कक्षा कक्ष निर्धारित समय पर पूर्ण नहीं हो सका। ब्यवस्थाए आधी अधूरी रह गई। अगस्त का महीना बीत गया, लेकिन कक्षा 9 का प्रवेश शून्य रह गया। दिलचस्प बात है कि कुछ दिन पहले मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने लखनऊ से प्रदेश के ऐसे विद्यालयों का उद्घाटन भी कर दिया था, आवासीय विद्यालय संचालित न होने का जिम्मेदार आखिर कौन है?