● बदहाली
कटरा, संवाददाता। शिक्षा क्षेत्र इकौना में पुराने जर्जर भवन में कक्षाएं संचालित की जा रही है। विद्यालय के सभी कक्ष की छत जर्जर है। बारिश का पानी छत से कमरे में टपकता है। इसलिए बरसात में बच्चे स्कूल आने से डरते हैं। इसलिए लगातार बच्चों की संख्या घटती जा रही है। स्कूल की मरम्मत के लिए • शिक्षक ने क्यूआर कोड सोशल मीडिया पर जारी कर मदद की अपील की है।
केंद्रीय प्राथमिक विद्यालय इकौना के भवन का निर्माण 1902 में कराया गया था। 18 कमरों का भवन बना कर स्कूल का संचालन शुरू किया गया था। भवन के निर्माण को 121 वर्ष हो चुके हैं। इसलिए यह भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। जल निकासी की व्यवस्था न होने से पूरे परिसर में महीनों तक जलभराव बना रहता है। इसके लिए बरसात के दिनों में बच्चे स्कूल आने से कतराते हैं।
यही नहीं इस विद्यालय में बच्चों की संख्या भी लगातार घट रही है। एक
केन्द्रीय कन्या विद्यालय का जर्जर भवन व परिसर में भरा गंदा पानी । पहले स्कूल में बच्चों की संख्या साल फालेकिनअम केवन 112 बच्चे 66 इकौना को ध्वस्त करा 151 अब ही पंजीकृत हैं।
सितम्बर 2022 में ध्वस्तीकरण का दिया गया था आदेश : केन्द्रीय प्राथमिक स्कूल इकौना के जर्जर भवन को देखते हुए बीएसए की ओर से सितम्बर 2022 में ध्वस्तीकरण का आदेश दिया गया था। लेकिन भवन का ध्वस्तीकरण नहीं कराया गया। अभी तक बच्चों को उसी भवन में बैठाया जा रहा है।
जर्जर केन्द्रीय भवन कर नया बनवाया जाएगा। इसके लिए बजट मांगा गया है। बजट के लिए लिखा पढ़ी की गई है और बजट आवंटित होते ही निर्माण शुरू करा दिया जाएगा।
अमिता सिंह, बीएसए
रहा है। इस स्कूल में अनवर खान प्रधान शिक्षक, अल्पना पाण्डेय व अनुराधा सहायक शिक्षक तथा सुभाषचंद्र एवं कारण बच्चों का बैठना दूभर हो जा उपमा सिंह शिक्षा मित्र तैनात हैं। यह तरफ नहीं जा रहा हैं।
टूटी छत और बदबूदार कमरों के
स्कूल के लिए जन सहयोग की अपील
केंद्रीय प्राथमिक विद्यालय इकौना के पूरे परिसर में जलभराव बना हुआ है। इस समस्या का समाधान न होने से परेशान प्रधान शिक्षक ने सोशल मीडिया पर क्यूआर कोड जारी करके लोगों से सहयोग देने की अपील की है। जिससे विद्यालय परिसर को जलभराव से निजात दिलाया जा सकें। इसके माध्यम से अब तक 1200 रुपए भी मिले हैं। प्रधान शिक्षक अनवर खान ने बताया कि कुछ दिन पहले विभाग की ओर से छह लाख रुपए दिया गया है। लेकिन करीब आठ हजार वर्गफुट में बने इस स्कूल की मरम्मत इतने रुपए में कैसे होगा। स्कूल परिसर की पहली समस्या जलभराव है। इसके लिए लोगों से सहयोग की अपील की गई है।
विद्यालय खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से सटा हुआ बना हैं फिर भी अधिकारी का ध्यान इस स्कूल की