नगर के परिषदीय विद्यालय शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। हजारों बच्चों के शिक्षण कार्य को देखने के लिये एक हेडमास्टर और 10 शिक्षामित्र लगे हैं। कई वर्षों की बाद भी परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा नहीं किया जा सका है। जिससे हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव लगा है।
सरकार और शिक्षा विभाग जहां शैक्षणिक गुणवत्ता के सुधार को लेकर कई तरह के दावे करती नजर आती है। वहीं, दूसरी तरफ हालात अभी भी जस के तस हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के 9 परिषदीय विद्यालय नगर के विभिन्न मोहल्लों में संचालित है। सभी विद्यालयों में सर्व शिक्षा अभियान को सफल बनाने के लिये हजारों बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिये पंजीकरण किया गया है। नगर परिषदीय विद्यालयों में नियमित कक्षाएं तो शुरू हो गई है लेकिन, कक्षाओं में पढ़ाने वाले शिक्षक की भारी कमी है।
9 परिषदीय विद्यालयों मे पढने वाले हजारों बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी एक हेडमास्टर और 10 शिक्षा मित्रों ने अपने कांधों पर उठा रखी है। एक- एक शिक्षक पर पांच पांच कक्षाओं को पढ़ाने का कार्य है।
कई बार प्रशासन और शासन के वोट बनाने सहित अन्य कार्यो की देखरेख करने के लिए शिक्षकों को बाहर जाना पड़ता है। जिसके चलते विद्यालयों में शिक्षण कार्य भी बंद रहता है। जिससे हजारों छात्र छात्राओं की शिक्षा का कार्य राम भरोसे चल रहा है। जबकि 30 से 35 बच्चों पर एक शिक्षक की तैनाती का प्रावधान है।
ये हैं स्कूलों में शिक्षक व शिक्षामित्रों की तैनाती की स्थिति
1- प्राथमिक विद्यालय बालक नबंर 01- एक शिक्षा मित्र
2- प्राथमिक विद्यालय बालक नबंर 02- एक प्रधान अध्यापिका
3- प्राथमिक विद्यालय बालक नबंर 03- एक शिक्षामित्र
4- प्राथमिक विद्यालय बालक नबंर 05- एक शिक्षा मित्र
5- प्राथमिक विद्यालय बालक नबंर 06- एक शिक्षा मित्र
6- प्राथमिक विद्यालय बालक नबंर 07- दो शिक्षामित्र
7- प्राथमिक विद्यालय कन्या नंबर 02- 1 शिक्षामित्र
8- प्राथमिक विद्यालय कन्या नंबर 03-1 शिक्षामित्र
9- प्राथमिक विद्यालय कन्या नंबर 05-2 शिक्षामित्र
कोट:
हाल ही में खंड शिक्षा अधिकारी नगर का चार्ज लिया है। जानकारी लेने के बाद जल्द ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर अवगत कराया जायेगा। फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है कि किन विद्यालयों में कितनी शिक्षकों या फिर शिक्षामित्रों की तैनाती है।
- विश्वास कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी कांधला